QUOTES ON #ADHURI_SAMPURNTA

#adhuri_sampurnta quotes

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15 MAY 2020 AT 12:13


ज्यादा ‌ज्ञान विज्ञान की बाते नहीं आती हैं मुझे ‌
मैं‌‌ तो बस खुद को और खुद की कल्पनाओं को‌
कला का रूप देने की ‌कोशिश कर रहीं हूँ।

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14 FEB 2021 AT 11:04

तुम ख्यालों में गुम रहना उनके
वो बे ग़म तुम्हें गुमराह करते रहेंगे।
तुम सच का आंचल ओढ़े रखना
वो झूठ का नकाब पहने रहेंगे।
तुम प्यार के ख्वाब बुनते रहना
वो रंजिशे इफ़्रात करते रहेंगे।
तुम बवफा इश्क लुटाना उनपे
वो बेवफाई के रंग उड़ाते रहेंगे।
तुम इश्क़बाज़ी की इबादत करना
वो दग़ाबाज़ी की जियारत करते रहेंगे।
तुम ख्यालों में गुम रहना उनके
वो बे ग़म तुम्हें गुमराह करते रहेंगे।

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12 JUL 2021 AT 18:13

Hey my heart is disarranged,
arrange that with some loving words.
Hey I've become disorganized,
organize me with some warmth cuddles.
Hey my soul is unfixed,
fix that with some cordial touches.
Hey I've become unsettle,
settle me with some smooth busses.

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3 JUL 2021 AT 11:06

हंसते हैं पर वो बात नहीं।
चलते हैं पर साथ नहीं।
बातें हैं पर जज़्बात नहीं।
फुरसत है पर आज नहीं।
मिल जाते हैं पर मुलाकात नहीं।
ज़रुरी ‌है पर खास नहीं।

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24 JUN 2021 AT 5:53

I don't know about being introvert or extrovert. I'm just selectively social

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24 JUL 2021 AT 15:04

थामें रहूं तो बांध ह़ूं मैं
गर टूटने लगूं तो डोर
डर जाऊं तो नाज़ुक हूं
गर रोऊं तो कमजोर।

सहती रहूं तो सुख में हैं सब
कभी फूट पड़ू तो अक्रोश
खिदमत करु तो खुश हैं सब
गर खुद की करूं तो रोष।

समझती रहूं तो समझदार
गर समझाऊं तो रोब
चलती रहूं तो ढ़ंग में है सब
गर थक जाऊं तो ढोंग।

ना करूं तो स्वार्थी हूं मैं
हां करती रहूं तो मैं व्यर्थ
गर सुनतीं रहूं तो अमचैन
कभी बोल पड़ूं तो अनर्थ


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10 JUN 2021 AT 10:54

कल्पनाएं खुबसूरत तो होती हैं; इनमें सुकून भी बड़ा मिलता हैं;
पर महज कल्पनाओं के दम पर ये जिंदगी तो नहीं चल सकती।

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19 AUG 2021 AT 14:51

Once she said that she is rare,
now rarely she says anything.

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16 AUG 2021 AT 10:54

शांत नहीं कराउंगी।
निशब्द कर दूंगी।

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22 APR 2021 AT 10:40

बिछड़ने से याद आया हम मिले ही कब थे ?
खोने से याद आया तुम मेरे हुए ही कब थे ?

फरेब से याद आया सच से हम रूबरू हुए ही कब थे?
भूलने से याद आया सच में तुम मुझे समझे ही कब थे?

अश्कों से याद आया हम साथ हंसे ही कब थे ?
सुकून से याद आया मेरे लिए तुम तड़पें ही कब थे ?

रातो से याद आया हम साथ जागे ही कब थे ?
रूठने से याद आया तुम मन से माने ही कब थे?




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