ये सफर कैसा है ये रात कैसी है,
अनकहे जज़्बातों में ये बात कैसी है।
गूंजती अब धून सजी शहनाई की,
तुम तो यहीं हो, फिर बारात कैसी है ॥
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9 NOV 2020 AT 9:49
19 DEC 2020 AT 14:42
गर कभी मुमकिन हो तो हमसे भी आके मिलना,
सुना है नौसिखियों से वफा की बाते करते हो।-
26 JUL 2021 AT 2:04
Azib hi Sahi,
Addat khlo ya fir fitrat, yhi h hum
Mohabbat ho ya nafarat bdi shiddat SE krte hai....
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30 JAN 2021 AT 20:50
मोहब्बत ऐसी हो जो इबादत बन जाए
नाम महबूब का एक आयत बन जाए
दिल की पहली और आखिरी ख़्वाहिश
हो चाहत जिसकी वो आदत बन जाए-
7 JUN 2020 AT 8:35
कभी कभी तेरा साथ अच्छा लगता हैं
ओर कभी कभी नहिं भी
एक डर सा लगता हैं
तेरी आदत भी हो गई
ओर तेरे जाने वक़्त भी..-
18 JUN 2020 AT 8:54
Tujhse na...
Roj baat karna
Ab mera ek addat sa
Ho geya hai...
Bhale hi baat karne layek
Kuchh topic mile
Ya na mile...
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16 JUN 2020 AT 10:49
Pahle log paas ate hai...
Fir addat lagate hai...
Aur...
Jab pyaar ho jaye...
Tab chhod kar
Chale jate hai...-
1 JUL 2020 AT 15:19
मेरी कमजोरी का उसने अच्छा फायदा उठाया है..
चाय की तरह वो मुझें अपनी आदत भी लगाया है...-