We only understand
OTHERS charateristically
but never the ONESELF
Have we ever come to know about
the sweetness of honey
and bitterness of neem?
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"Perfectionism thy name Absolutism and this sometimes leads to the Totalitarianism!"
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पहली बात तो इस संसार में न तो कोई बिल्कुल सही ही है न ही बिल्कुल गलत ,हो सकता है जिस चीज को आप सही कह रहे हो वो दूसरे के दृष्टिकोण में गलत हो और जो उसके नजर में सही हो आपके नजर में गलत हो इसलिए किसी को यह कहने से पहले की आपकी गलती है एक बार सोचे अवश्य अगर आपके पास उचित तर्क नहीं है तो फिर आपके कहने मात्र से कोई गलत नहीं हो सकता और न सही कोई चीज अगर सर्वमान्य है तो उसके पीछे बेहतर तर्क है वरना मस्तिष्क तो कपोल कल्पनाएं और सत्य अथवा गलत अवधारणा बनाने में माहिर है और आप किसी को कुछ भी कह सकते मेरे हिसाब से सिर्फ दो चीज तर्क से परे है : 1 सच्चा प्रेम 2: सच्ची भक्ति , तो अगर कोई आपसे सच्चा प्रेम करेगा तो तर्क करने का विचार नही आयेगा और सच्ची भक्ति का तो पूरा आधार ही आध्यात्म है 🤗🙏❤️ अगर आपको लगता है कोई गलत है किसी की गलती है तो अपने तर्क लेकर आइए फिर निर्णय हो और बिना सच्चाई जाने पूर्वधारणा के आधार पर किसी को गलत बोलने से पहले अच्छे से उस विषय में जान लीजिए!! 👍😇
@Samariya 106♥️-