QUOTES ON #ABHIMANYUSHARMA

#abhimanyusharma quotes

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25 JUN 2018 AT 19:34

चार दिन में भुला ही दे गे वो चार साल की शामे, पर हर चार साल में सब दोस्त get together में साथ फ़िर मिला जशन कामियाबी का मनाये गे

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21 JUL 2018 AT 22:00

आज फिर कहने कुछ नही।।।
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30 JUN 2018 AT 1:16

तुम मेरी अर्द्धांगनी हो '!वामंगनी हो
फिर भी मै ही क्यो न तुम्हारे कुमकुम चरन छू लू।।?

मानता हू , जानता हू पति परमेश्वर होता है
अच्छा लगता भाव से तुम्हारा मेरे आगे झुकना।।
पर पर,
तुम भी देवी हो, तुम भी अराध्या हो,
तुम मेरी गृह की गृहलक्ष्मी,भंडार की अन्नपूर्णा
तुम मेरी प्रीत की कामदेवी, तुम मेरे संसार की पूर्तिपूर्णा।।

फिर जब इन देवीयो की मूर्ति के चरन छू सकते है, तब तुम मेरे संसार की वरदात्री हो, फिर क्यो न आज चरन तुम्हारे ही छू लू।।

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7 SEP 2018 AT 8:11

हमारी मुस्कान पर ना जाइए.....
हम अरसे से ऑखो को सुखो के बैठे है।
हम युवा है ,साहिब
परिवार, इश्क, नौकरी, जिंदगी न जाने क्या क्या खो कर बैठे है।

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3 AUG 2018 AT 14:46

कोशिशे, मिन्नते, गुज़ारिशे, सिफारशे सब कर ली,
अब तुम ही बताओ तुम्हे पाने अब क्या करे।

दिल ,धड़कन ,दिमाग, ख्याल सब तुम्हे दे दिया,
अब तुम ही बताओ तुम्हे पाने अब क्या करे।

पूजा,इबादत ,सजदा ,बंदगी सब कर ली
अब तुम ही बताओ तुम्हे पाने अब और क्या करे।

तिजारत , शोहरत , हिमाकत सब पाके छोड दिया,
अब तुम ही बताओ तुम्हे पाने अब और क्या करे।

गालिया हिकारते सियासते सब झेल लिया
अब तुम ही बताओ तुमहे पाने अब और क्या करे।।

अब तुम ही बता दो,तुम्हे पाने अब क्या करे??
तुमहे अपना बनाने अब और क्या करे??

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4 AUG 2018 AT 7:51

दिल के सारे घाव अब उजागर कर रख्खे है,
कोई तो होगा जो अब हमदर्द बनेगा।।

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30 JUN 2018 AT 10:56

जब से वो दुल्हन बनी न जाने क्या क्या छोड आई है।
हम इक अपनी आदत न छोड सके वो आदतो की पूरी उम्र छोड आई है।

उनकी ख्वाहिश पूरी करना जिम्मेदारी है हमारी ,
वो हमारे लिए ख्वाहिशो पूरी होने का जादूई चिराग अपने पापा छोड आई है।।

हमे पता ही नही उसे क्या भाता, वो ख्याल रखने वाली मा छोड आई है।
वो हरकदम का साथी भाई ,वो हर पल की साथी बहन छोड आई है।।

उनकी बातो को बिन कहे समझना सीखना होगा,
वो अपनी सहेली छोड आई , इक अजीज साथी अपना प्यार छोड आई है।

मै किसी बात की शिकायत उनसे कैसे करू,वो मेरी जिंदगी सवारने अपने हाथो सॅवारा पीहर छोड आई है।

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1 JUL 2018 AT 14:29

और नही कर सकते हम अपनी शख्शियत की नुमाइश,
जो हमे बुरा समझते है उनके लिए बुरे ही सही।।

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19 SEP 2018 AT 16:59

माना तुम शंहशाह ए वक्त हो.....
पर इल्म रहे वक्त बदलते देर नही लगती।।

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8 AUG 2018 AT 15:11

आज फिर दिल की आज़माइश होगी,
इस मौसम-ए-इश्क़ में तू याद ना आ जाए,
यही इस दिल की ख़्वाईश होगी..

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