Actually,
पैसा "ही" सबको नहीं चाहिए,
पैसा "भी" सबको चाहिए।
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16 JUN 2020 AT 15:34
ये ख्वाब सफ़ेद चाहता है
आंखों में हक़ीक़त चाहता है
काँधे पर हाथ चाहता है
Ye dil maange more
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28 AUG 2021 AT 17:55
4 APR 2022 AT 22:57
सुनो.... यूं "चुप" से ना रहा करो,
यूं "खामोश" से हो जाते हो,
तो दिल को "वहम" सा हो जाता है,
कहीं "खफा" तो नहीं हो??
कहीं "उदास" तो नहीं हो??
तुम "बोलते" अच्छे लगते हो,
तुम "लड़ते" अच्छे लगते हो,
कभी "शरारत" से कभी "गुस्से" से,
तुम "हंसते" अच्छे लगते हो,
सुनो.... यूं "चुप" ना रहा करो।।
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