४० दिन में एक ऐसा दिन नहीं, जिस दिन वो हारे नहीं।
और एक ऐसा दिन नहीं, जिस दिन ये संभा जीता नहीं॥
४० दिन में एक ऐसा दिन नहीं, जिस दिन वो औरंग मरा नहीं।
और एक ऐसा दिन नहीं, जिस दिन ये संभा जिया नहीं॥
४० वे दिन मृत्यु को मार कर, ख़ुद "मृत्युंजय" हो गया।
ऐसा मृत्यु को पराजय करने वाला, विश्व में दूजा संभा नहीं॥-
11 MAR 2020 AT 17:18
16 JAN 2020 AT 10:43
हर ओर ख़ुशहाली सुखुन है छायै, ऎसा श्री शिव स्वराज साजै।
आजकेहू दिन लिये वहीं मंत्र शिवा से, श्री शंभु सुवर्णसिंहासन विराजै॥-
21 FEB 2020 AT 13:18
ध्यान लगाऊ मैं ऐसा, कण कण हो शंकर जैसा।
मन में भाव जागा ऐसा, मैं सबमें सब मुझमें जैसा॥-
6 APR 2020 AT 11:06
चंद्रमा साजै शीश पे तेरे, भस्म से तू तन सजाए।
अधमुंदी आँखों से तू, कैलाश पर ध्यान लगाए॥-
19 MAR 2020 AT 9:40
सब करे अपअपनी बड़ाई, अंतर में है ग़हरी खाई।
धरम धरम में करे लड़ाई, इनके अंदर कैसी ख़ुदाई॥-
19 FEB 2020 AT 10:13
सूरज भी निकलता है, तो आगाज़ तेरा ही होता है।
चाँद की रोशनी में भी, प्रकाश तेरा ही होता है॥-
5 APR 2020 AT 19:46
बाती मैं जलने चली, मेरी न कोई जात।
न बांधो मुझे धर्म से, मैं सबको दू प्रकाश॥-
12 JAN 2020 AT 23:48
बना दे आग उस चिता की, बनके उष्णा उसकी हवा हो जाऊं।
या रहूँ बनकर राख़ चिता की, ताकि बनके भस्म मैं तेरा अभिषेक हो जाऊं॥-