तेरी आंखों का काजल बन जाऊं माँ ,
रहु तेरी आंखों में, तेरी रोशनी बन जाऊं माँ !
सपनों की खोज में कहीं ,खो ना जाऊं माँ ,
तेरे बिन अकेला रह ना, पाऊंगा माँ!
तेरे हाथों का खाना ,जीता हूं उसमें एक जमाना ,
तेरे हाथों की चाय ,जिंदगी है उसमे समाई !
घर से दूर रहने की मजबूरी, मुझे हमेशा सताती है माँ
तुझसे दूर होकर , तेरी याद बहुत आती है माँ !
तेरी साड़ी के पल्लू से लिपटकर , रोना चाहूं मैं माँ
फिर से बच्चा बनकर, तेरी गोद में सोना चाहूं मैं मां!
जिंदगी के सफर में ,कुछ काम ऐसा कर जाऊं ,
तेरी पहचान बनकर ,तेरा नाम रोशन कर जाऊं माँ !
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गिले शिकवे भुला कर
रूठे हुए को मनाना
आंखों से आंखें मिलाकर
हर बात कह जाना
सारी शिकायतें दबाकर
तुम यूं ही मुस्कुराना
गम उसके खरीद कर
खुशी खर्च कर आना
मिलो जब उससे तो चाय पर बुलाना
#pratikpoetry..✍️
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तेरी यादों का सफर..
मंजिल मिली नहीं मगर...
भटकता रहा इधर उधर...
नहीं मिला तु मगर...
मैं छोड़ भी देता तेरा सफर...
पर मिलि नहीं कोई और डगर...
मुसाफिरों की तरह चलता रहा...
तेरी यादों की गलियों से गुजरता रहा...
#pratikpoetry..✍️
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मेरे दिल की जायदाद की इकलौती वारिस थि वो..
मेरे यादों के तिजोरी की चाबी थी वो..
मेरी जिंदगी कि खूबसूरत कहानी थी वो .
मेरी हर मुसीबतों की ढाल बनती थी वो...
आँसु जब आए तो ,कंधा बनती थी वो ...
मुझे हंसता हुआ देख, बहुत मुस्कुराती थी वो ...
तपती धूप का ,छांव बनती थी वो ...
मेरी जिंदगी का, सावन बन जाती थी वो
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धूप में चलकर छांव लाएंगे
सूरज से लड़कर चांदनी लाएंगे
गम को भुला कर मुस्कुराएंगे
सपनो को मिलकर सजाएंगे
हम तेरी यादों में आएंगे
दीवार की तस्वीर बन जाएंगे
नजर ना लगे दुनिया की
आंखों की तेरा काजल बन जाएंगे
#pratikpoetry
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खुदा से यही है इबादत हमारी,
पूरी हो सभी मुरादें तुम्हारी,
करते नहीं कभी तुम अभिमान ,
सभी को देते हो सम्मान,
राह कैसी भी हो साथ नहीं छोड़ते,
मुश्किलों से कभी मुंह नहीं मोड़ते,
पूरी हो सभी मनोकामना तुम्हारी,
यही हे जन्मदिन की मुबारकबाद हमारी ,
#pratikpoetry..✍️
happy bdy Gudda bhaiya🎂🎂-
ऊंची इमारत बन के जो हम खड़े
उस इमारत की वो निव बने
सपनों की कड़ी धूप में जब हम चले
छांव बन कर मेरे साथ वो हमेशा खडे
मेरे नाम के पीछे हमेशा तुम्हारा नाम रहे
परछाई बनकर तुम हमेशा मेरे साथ रहे
#Pratikpoetry..✍️
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देख के वो मुझे तेरा पलके झुका देना..
याद बहुत आए तेरा मुस्कुरा देना...-
ना उम्र की सीमा ,ना जन्मों का बंधन..
ऐसा हो तेरे मेरे प्यार का संगम..
साथ मेंरे रहना हमेशा हमदम..
प्यार करेंगे हम मरते दम..
आए चाहे जितने भी सितम..
हंसकर सहेंगे हम..
#pratikpoetry... ✍️-
मोर मुकुट धारी कान्हा बांसुरी बजा रे..
विशाल नैन अक्ष अद्भुत तेरी काया रे ..
गोपियों संग लीला तो राधा संग प्रेम रचा रे ..
सब कुछ है तुझमें तेरी ही सब माया रे...
#pratikpoetry...✍️
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