कुछ सफर अकेले ज्यादा बेहतर कटते हैं ,
जैसे कि जिंदगी ।
-
17 APR 2021 AT 13:45
मजदूर है हम, ये आज़माईश नहीं हमारी,
रोज़मर्रा की जंग में, तब्दील हुई कुछ ख़्वाहिश।।-
20 MAY 2023 AT 12:09
जिसको अपना समझा उसने कभी समझा ही नहीं , वो नासमझ मुझे समझदार बना गया।।
-