उसने पूरब और पश्चिम की यात्राएं की
लोगो से रोटी कपड़ा और मकान के वादे किये
हर आदमी को उसकी पहचान दी ( आधार कार्ड बनवाकर )
कलयुग और रामायण दोनों को साथ साथ रखा
पर देश में कुछ आदमी उसे पत्थर का सनम मानने वालों में से भी थे
वे वक्त वक्त पर उसके खिलाफ शोर करके सड़कों पर क्रांति लाने के लिये एकजुट होते रहे
वे चाहते थे कि यह सन्यासी फिर से हिमालय की गोद में जाकर बस जाये
और उन सब पर उपकार करे
सबको लगता था कि
मन की बाते कहते कहते वह मनोज कुमार बन जायेगा
पर वह मनोज बाजपेई भी बन जायेगा इसका अंदाजा वे लगा ही नहीं सके
- TEJ @देशभक्त #NEEL_कमल #मन_की_बात-
17 DEC 2019 AT 15:36