QUOTES ON #KAALI

#kaali quotes

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स्त्री है,
तो रूपवती हो,
जरूरी है क्या !

स्त्री है,
तो रंग गोरा ही हो,
जरूरी है क्या !

स्त्री है,
तो सहनशील ही हो,
जरूरी है क्या !

स्त्री है,
तो सर्वोत्तम हो,
जरूरी है क्या !

स्त्री है,
तो गुणवती ही हो,
जरूरी है क्या !

स्त्री है तो मात्र,
पुरुषों की जरूरत हो
जरूरी है क्या !!

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कर लो अत्याचार तुम खूब,
कलयुग युग ही तुम्हारा है !

पर मस्तिष्क में अपनी,
ये बात भी बनाए रखना तुम !

कि एक दिन टूटेगा बांध,
सहनशीलता का हमारी भी!

करेगी नारी फिर से तांडव,
वैसे ही माता काली सा !

फिर होगा संहार पापीयों का,
एक तरफ से सारा का सारा !

पी कर लहू सारे पापियों का,
तृप्त हृदय होगा नारी का !

टूट कर कहर इस तरह से,
होगा प्रारम्भ नव युग का भी !!

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23 FEB 2019 AT 9:18

ख्वाबों में दिखती है तू...
हकीकत में सवाली रही...

तेरी यादों से दिल की....
बस्ती हमेशा निराली रही...

दो नैनों में रात भर...
आंँसुओं की प्याली रही...

🌞सुप्रभात🌞 तो हो गई...
पर बीती रात काली रही...

बीती रात काली रही...

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यातनाएं कम,
नहीं होनी,
अब तुम पर !

❣️

सुनो स्त्री !

❣️

अब तुम्हें दुर्गा,
या काली,
होना ही होगा !!

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3 JUL 2020 AT 3:34

शक्ति:
मैं रूप नहीं, मैं धूप हूँ
नहीं टिकेंगे तुम्हारे तृष्ण नयन
मैं घुंगरू नहीं, मैं काल की ताल हूँ
नहीं महकेंगे तेरे गजरे से ये आवरण
मैं तुम्हारे आनंद की नृत्यांगना नहीं
मैं नियत युद्ध की वीरांगना हूँ
यहाँ गर्जन होगी, गूंज होगी
मुण्ड मर्दन होगा, धुंध होगा
नाश होगा, विनाश होगा
कहो क्या सुनोगे?
काल का राग सुन पाओगे?
कबतक और कहाँ तक भाग पाओगे?
कोई नगरी नहीं जिसे तलाश न सकूँ
कोई डगरी नहीं जिसे तराश न सकूँ
तेरे बोये हर बीज को उखाड़ दूँ
तेरी विलसित दुनियाँ उजाड़ दूँ
कहो क्या प्रदर्शित करूँ?
इस प्रकाश पुंज का ताप सहन कर पाओगे?
तेरे इन कुरीतियों के संग एक क्षण नहीं बच पाओगे
कुचल दिए गए तो कु-चलन का एक कण नहीं रच पाओगे

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14 MAR 2023 AT 0:22

रात काली है, रात डरावानी है
ये रात और काली और डरावनी हो जाती है
जब किसी की याद आती है और जाती नहीं

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19 APR 2021 AT 9:55

Meri Diary #Vs❤❤
सभी मात भक्तों को माता
के सप्तम नवरात्री की हार्दिक
शुभकामनायें.....
विकराल प्रचंड रूद्र स्वरूपा,
माँ भद्रकाली अपने समस्त
भक्तों के दुखों का नाश करैं...
एवं सम्पूर्ण संसार के सभी
अधर्मियों का संहार करें...
🚩🙏जय माँ भद्रकाली🙏🚩
✍️Vibhor vashishtha vs

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30 SEP 2020 AT 22:29

आज एक बेटी ने जान दी है
कल ना जाने कितनी जाने जाएंगी
आज एक बेटी जलील हुई है
कल ना जाने कितनी मान गवाएंगी
तुम्हारी प्यास मिटाने खातिर
कल ना जाने कितनी लाशें बिछ जाएंगी
तुम कायरों से लड़ते लड़ते ना जाने
कितनी हस्तियां मिट जाएंगी

जान ले ए दुष्ट, तेरे पतन के लिए
सौं काली जुट जाएंगी!
सौं काली जुट जाएंग!

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28 MAR 2018 AT 23:39

असीम शक्ति हूं मैं....
ना सिर्फ दुर्गा
ना सिर्फ काली
आज की भी नारी हूं मैं

हां असीम शक्ति हूं मैं...
सुनो एक सपना है मेरा
जड़ से जुड़ कर मुझे छूना है आसमां
गऱ भिंगा दें कोई पंख
तब भी भरकर उड़ान
छूना है आसमां...
देखो बाधाएं तो आएगी
देखो बाधाएं तो आएगी
पर याद रहे...
भक्ति हूं मैं
हां, असीम शक्ति हूं मैं...
ना सिर्फ दुर्गा
ना सिर्फ काली
आज की भी नारी हूं मैं

हां असीम शक्ति हूं मैं...
दिलों में जोश असीम है
ज़हन में हिम्मत असीम है
सुनो,
मेरे जज़बे को हिला सके
मेरी आंखों को कोई रुला सके
अब ऐसी तो कमज़ोर नहीं....
अडिग हूं मैं अब लाचार नहीं
क्योंकि....
भक्ति हूं मैं
हां, असीम शक्ति हूं मैं...
ना सिर्फ दुर्गा
ना सिर्फ काली
आज की भी नारी हूं मैं
हां ,असीम शक्ति हूं मैं...... वर्षा वर्मा


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29 SEP 2019 AT 18:11

स्त्री - शक्ति का रूप
( रचना अनुशीर्षक में पढ़ें)

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