थोड़ा थोड़ा ही सही रोज खुद को मजबूत बनाते रहो
क्योंकि ये ज़िन्दगी आसान तो नही होने वाली।-
बिन तेरे खुशी भी गम सी लगती है !
तेरी कमी मुझे हर पल खलती है !!-
ये सुंदर पृथ्वी मनुष्य ने नहीं बनाई है
इसलिए इसको नष्ट करने का अधिकार उसके पास नहीं है I
ये प्यारी सी प्रकृति मनुष्य ने नहीं बनाई है
इसलिए इसे खराब करने का अधिकार उसके पास नहीं है।
पशु पक्षीयों को मनुष्य ने नहीं बनाया है
इसलिए इनकी हत्या का अधिकार उसके पास नहीं है।
मनुष्य ने खुद को भी नहीं बनाया है
इसलिए आत्महत्या का अधिकार भी उसके पास नहीं है।-
कब पड़ेगी मुझ पर "राम" तेरी कृपा दृष्टि !
अच्छी ना लागे मुझे तेरी ये मतलबी सृष्टि ! !-
जब से तेरी फिक्र में रहते है
तब से दुनिया से बेफिक्र हो गए है
ढूंढते - ढूंढते तुझे सांवरिया
कुंज गलियों में हम खुद खो गए है
अब हाल मेरे कुछ राधा से
तो कुछ मीरा से हो गए है
हा कुछ राधा सी जलन होती है ह्रदय में
तो कुछ मीरा से तेरे नाम के दीवाने हो गए है
इस दुनिया में रहते हुए भी
हम तेरी दुनिया के हो गए है-
वैसे अभी ज्यादा फर्क नहीं आया है
जंगल से निकले हुए मानव और
आज के मानव समाज में
पहले वो पत्ते पहनते थे और
पशुओं का शिकार कर के
उनका मांस भक्षण करते थे।
और आज बढ़िया सी आलीशान जगह होती है
सूट -बूट पहन कर ऑडर देते है और वही
पशुओं का मांस भक्षण करते है ।
और बस इतने से नाम मात्र के
बदलाव से सभ्य कहलाने लगे ।😏😏-
हर वक़्त बस उसका ख़्याल रहने लगा है!
एक शख्स दूर रह कर भी पास रहने लगा है !!-
दिखता तो नहीं है कैलाश वाला!
पर साथ रहता है मेरे डमरू वाला !
गिराने तो सब आते है पर,
गिरने से पहले है तूने संभाला!-