Ki jamane ko jeetne ka sokh kha hume
Bus tm har joa kafi h.... 😊-
मुद्दत हुई है कि तुझको मैंने जी भर का न देखा ।
तेरे दहकते होंठो के षावन को पीकर न देखा ।
याद आते हैं पल जब मेरी बाहों में तू कसकसाई।
मेरी बातों में कियूं नही तुझे ये बात समझ आई ।
आकर मिलो कि रात भर हम दूर करें सभ गिले ।
एक बार फिर तेरा कोमल बदन मेरे हाथों में खिले।
दहक जाए ये धरती और समंदर उछल जाए ।
तेरी मेरी इस प्यास और भी प्यास फल जाए ।
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मुद्दत बाद आज पहुंचा था घर आधी रात को,
जैसे ही कदम रखा मां को जाग आ गई ।
मां आज भी सोती है मेरे घर पहुंच जाने के बाद ,
मन भर आया और आँसुओं की कमी आ गई ।-
मैंने हर बार उसको दिल भर के देखा ,
आगोश में लिया,सहलाई माथे की रेखा ।
रात भर इक दूसरे पे जमकर बरसे ,
अगले दिन फिर भी मिलन को तरसे।
कैसे ये कसक है दिल में रह जाती है ।
मिलन में फिर भी कमी रह जाती है ।
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ਕਾੜ੍ਹੀਏ ਤਾਂ ਜਾਗ ਜਰੂਰ ਲਾਈਏ ,ਦੁੱਧ ਫੱਟਣ ਨੂੰ ਕਦੇ ਨਾ ਛੱਡੀਏ ਜੀ।
ਮਹਿਕ ਦੇਹ ਚੋਂ ਜਦੋਂ ਆਣ ਲੱਗੇ,ਸ਼ਿਕਵੇ ਉਦੋਂ ਕਦੇ ਵੀ ਨਾ ਕੱਢੀਏ ਜੀ ।
@Harjot Di Kalam
ਬਾਹਾਂ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਸਮਾਂ ਲਈਏ,ਤੜਪ ਯਾਰ ਦੀ ਨੂੰ ਸਾਂਹੀ ਕੱਢੀਏ ਜੀ ।
ਰੂਹ, ਜਿਸਮ ਤੇ ਸਮਾਂ ਇੱਕ ਹੋਵਣ,ਤਕਲਾ ਇਸ਼ਕ ਦਾ ਜਦੋਂ ਗੱਡੀਏ ਜੀ।
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Everyday I choose to
Write on #YQ .
and never request anybody.
to look at it .
Every one do on its own .
One day without request
they will look on everything .
even if They do n't ......
हमको घण्टा फर्क नही पड़ता ।
कल और लिख देंगे ।
यही हमारा काम है ।
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