QUOTES ON #GPC

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सवालों का सटीक जवाब, सलवटों से नही मिला..
ऐ ज़िंदगी!
हक़ीक़त में कोई हमसे, मुद्दतों से नही मिला..

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गीली लकड़ियां भी, कागज़ के टुकड़ों की भाँति जल गई..
न जाने उसने, दिल में, किसके लिए, कौन सी, आग दबा रखी थी..

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••••••••••• *उड़ान* •••••••••••
रहूँ सदा धरा पर मैं,
आसमान छूती चले,
ऐसी कोई उड़ान हो,
मेरी भी पहचान हो।
परिंदगी हो ज़िन्दगी,
हौसला महान हो,
गगन मेरा आशियाँ,
इतना ही जहान हो।
उड़ता ही चलूँ सदा,
साँसों में जान हो,
चाल हो सीधीसादी,
मेरी अपनी शान हो।
सर्द गर्म बरसात हो,
आंधी या तूफ़ान हो,
भुलाये न भूले कोई,
इतनी पह चा न हो।
छल ना कपट कोई,
मेरे इर्द - गिर्द हो,
गिनती गर होकभी,
इंसानों में इंसान हो।
घर भले घौंसला,
पूँजी आसमान हो,
मतभेद न कोई हो,
सारे एकसमान हो।
टुकड़ों में पल सकूँ,
नन्ही मेरी जान हो,
छेड़े न मुझे कोई,
मेराअपना मान हो।
ऐसी कोई उड़ान हो,
मेरी भी पहचान हो।
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जो भटके ना कभी दुःख में
वो सुख में नही भटकता है
वही इंसान लोगो की
नज़र में खूब खटकता है
जिसे दाता पे है विश्वास
वो हँसकर हर ग़म पी जाता
वही कायर या बुझदिल है
जो फंदे पे लटकता है
IHateYouBhai 😢😥

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मैंने लफ़्ज़ों में एहसास लिखा है..
तुम्हारे कितने है, पास, लिखा है..
लिखा है हमने हर लफ़्ज़ ज़ेहन के..
तुम्हे ही हरपल, हर साँस लिखा है..

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कम से कम ऊपर और, ज्यादा से ज्यादा लकड़ियां नीचे ही लगाई जाती है..
देखकर आया हूँ, शमशान में, लाश कुछ इस तरह ही जलाई जाती है..

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आज दिल उदास बैठा है, दिल के तेरे पास बैठा है..
बैठा है साथ तेरा दिल, बना के दूरी खास बैठा है..
प्यार की आस में, होश ऒ हवास खोया..
आस में क़ुरबत की तेरी, प्यासा एहसास बैठा है..
नाराज़गी जता दे मुझसे, ख़ता बता दे मेरी..
दूर क्यूँ है तू जैसे, ज़मीं से दूर आकाश बैठा है..
नज़रें तू फेर ले मुझपे, प्यार का वास्ता है..
तेरी ही चाहत में इश्क़, खासमखास बैठा है..
आज दिल उदास बैठा है, दिल के तेरे पास बैठा है..
बैठा है साथ तेरा दिल, बना के दूरी खास बैठा है..

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Challenge "एकान्त"
मैं वक़्त तो तुम पल बनो..
हूँ सवाल गर मैं, तुम हल बनो..
ख़ुद्दार है ज़िंदगी, कट जाएगी एकदिन..
दिन काट मैं आज बना, रात काट तुम कल बनो..
मैं वक़्त तो तुम पल बनो..
मैं कपट, तो तुम छल बनो..
हूँ सुलह गर मैं, तुम हल बनो..
बनी रहेगी रौनकें, दिल की अंधियारी राह में..
भीड़ का चहल बना मैं..
"एकान्त" की तुम हलचल बनो..
मैं वक़्त तो तुम पल बनो..

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उसकी वफ़ा मुझ तक इतनी रही..
आसमाँ से दूर ज़मीं जितनी रही..
उसने पूछा
तुममे मुहब्बत अब कितनी रही...
मैंने कहा
तुझे उससे है जितनी, बस उतनी रही..

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