तेरा रंग देखकर तूझमें कुछ यूँ मैं खो गया
कैसे बताऊँ तूझे, तेरा दीवाना हो गया
शोख़ सी अदाएँ तेरी, हाय ये गुस्ताखियाँ
मंत्रमुग्ध ही कर देती हैं, तेरी बेपरवाहियाँ,
कैसे बताऊँ तूझे, तेरा दीवाना हो गया
तेरी नशीली आँखों में मैं कुछ यूँ खो गया
मंत्रमुग्ध ही कर देती हैं, तेरी बेपरवाहियाँ
एक सुकून सा दे जाती हैं, तेरी मनमानियाँ,
तेरी नशीली आँखों में मैं कुछ यूँ खो गया
कि खुद ही खुद में मैं बस मशरूफ़ हो गया
एक सुकून सा दे जाती हैं, तेरी मनमानियाँ
एक जादू सा कर देती हैं तेरी शैतानियाँ,
कि खुद ही खुद में मैं बस मशरूफ़ हो गया
शोख़ सी अदाएँ तेरी, हाय ये गुस्ताखियाँ
एक जादू सा कर देती हैं तेरी शैतानियाँ
तेरा रंग देखकर तूझमें कुछ यूँ मैं खो गया।
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