ये बारिश कि बुंदे भी कुछ कह जाती है।।
हाथों में थाम लो तोह कुछ देर सहम जाती है
और मिट्टी में गिरे तोह उसमे समेट जाती है।
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24 APR 2020 AT 17:23
ये बारिश कि बुंदे भी कुछ कह जाती है।।
हाथों में थाम लो तोह कुछ देर सहम जाती है
और मिट्टी में गिरे तोह उसमे समेट जाती है।
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