वो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से,
वो क्या अफ़सोस करेगा मेरे होने या न होने से।-
सफ़र था सुहाना और रिश्ता था पुराना,
ना मैंने ही समझा ना तूने ही जाना,
चली जाती थी जिंदगानी की गाड़ी लिए संग हमको जो कितने अनाड़ी,
थे हाथों में हाथ, ना था कोई डर जब तक था यकीन तू है हमसफ़र,
मोड़ आया एक ऐसा बदल गई राहें, टूटा यकीन और फिर गई निगाहे,
काश मुमकिन हो वापस उसी राह जाना।
मोड़ मुड़ना नहीं और वहीं रुक जाना।
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आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये,
भोले की सारी लीला थी कृष्ण के हाथ सूत्र थे...-
And suddenly all her sorrows turned into happiness,
with the one hand that she decided to hold forever.-
पता है मुझे कि वाकिफ हो मेरे हालत से।
दिल के जज़्बात से, हर सवालात से।
बेचैन रहते हो मिलने को तुम भी,
घबराते हो मगर मुलाकात से।
कर लो कुबूल अब ये बात जरा।
बन जाओ तुम मेरे हमकदम, मेरे हमनवा!-
इम्तिहान ना ले ऐसे की यकीं टूट जाए,
भरोसे का दामन कहीं छूट जाए,
जो किस्मत गिराए तो तू ही संभाले,
मेरे घर कि खुशियां अब तेरे हवाले।
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अक्सर ही ये सोचती हूं,
ये क्या कर गया है वो....
मुझसे इतनी मोहब्बत करके,
मुझे नया कर गया है वो...!!!-