हर रोज़ सुबह-सुबह
खिड़की पर आती चिड़ियाँ
चूँ चूँ चूँ चूँ गाती चिड़ियाँ
जैसे मुझको नींद से जगाती चिड़ियाँ
मुझको आवाज लगाती चिड़ियाँ,
कभी सुनता-कभी सो जाता
फिर आखिर किसी रोज़
मैं उनसे मिलने जाता,
देख मुझे फिर वो इतराती
छत से पेड़, खिड़कियों पर मंडराती
फिर दूर गगन में उड़ती जाती
थक गयी जो गर, कहीं बैठ सुस्ताती
बाद थोड़ी देर, वो आसमां में फिर इठलाती जाती,
चूँ-चूँ चूँ-चूँ
चीं-चीं चीं-चीं
सुर में सुर मिलाती, चिड़ियाँ...
और इस तरह मेरी सुबह खूबसूरत बनाती चिड़ियाँ!-
25 SEP 2019 AT 7:36