ना माथे पर सिकन है न अब आंसू पिये जा रहे हैं।
हम तो इतने बेशर्म है जिंदगी यूँही जिये जा रहे हैं ।-
25 JAN 2020 AT 16:20
29 JAN 2020 AT 21:15
किसी के साथ बैठ के जो कंकर फेंके थे ताल में।
शादी के बाद अब वही निकल रहे हैं दाल में ।-
ना माथे पर सिकन है न अब आंसू पिये जा रहे हैं।
हम तो इतने बेशर्म है जिंदगी यूँही जिये जा रहे हैं ।-
किसी के साथ बैठ के जो कंकर फेंके थे ताल में।
शादी के बाद अब वही निकल रहे हैं दाल में ।-