Dr Atul yadav   (अतुल्य बॉस)
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Joined 25 January 2020


Joined 25 January 2020
18 HOURS AGO

तुम्हारी कुछ यादें गिरवी पड़ी है मेरे पास "सजल"
छुड़ा के ले जाओ नहीं तो ब्याज बढ़ता जाएगा।

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9 MAY AT 17:30

सामाजिक बंधनों से परे है मुहब्बत हमारी ,
तुमने भुला ही दिया तो फिर तुमसे गिला कैसा।

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11 FEB AT 19:13

वक्त भी अब कहां करता है सभी से वफ़ा ।
न जाने क्यों हमसे गलतियां हो जाती हैं हर दफा।
माफ करने वाली मुहब्बत अब खत्म हो गई।
न जाने क्यों हो जाते हैं सब हमीं से खफा

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20 JAN AT 10:55

जब कभी उसको मेरी याद आएगी।
तब वो मेरा कोई शेर गुनगुनाएगी।
जन्मदिन अब वो मेरा भूल चुकी है
आगे चलकर वो मेरी जयंती मनाएगी।

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11 JAN AT 12:03

जिस्म की ये लगन जाने कब गई
रूह की ये लगन अब भी जाती नहीं।
जिस तरह याद करता हूं मैं तुम्हे रात दिन
क्या मेरी याद तुमको सताती नहीं।

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10 JAN AT 15:07

जिस बदन को तराशा था
निगाहों से हमने कभी ।
अब वो बदन किसी और
के खातिर सजाने लगी है।

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9 JAN AT 18:40

एक जरा सी उम्मीद थी बची
थी अब वो भी जाने लगी है।
दिसंबर तो भारी था ही हम पर
अब जनवरी भी हमको सताने लगी है।

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30 DEC 2024 AT 10:34

चलो तुम भी मेरी जिंदगी के 2024 निकले।
तुम्हे भी मेरी जिंदगी में अब लौट के नहीं आना है।

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26 DEC 2024 AT 14:38

जमाने ने छीन लिया है हक जबसे तेरा जिक्र करने का।
बता ऐसा क्या लिखूं के खबर तुझ तक पहुंच जाए।

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23 DEC 2024 AT 21:16

मुंह में जीभ होते हुए, जेहन में शब्दों का भंडार होते हैं
दिल में बोलने लालसा होते हुए अगर कोई मौन है
तो उसके संघर्ष की सराहना कीजिए।

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