हर दिन एक त्योहार है
जो गुज़र गया वो कल था
जो कुछ भी है आज है
आज में जीने की कला
जिसने सीखा समझो
वही सच्चा कलाकार है
हर दिन एक त्यौहार है-
एक अदा निचोड़ कर
छींटे उड़ा दिये मुझ पे
उस अदा से आज अब भी
हम नशे में चूर हैं
Ashraf Fani-
आधी से ज़्यादा उम्र
निकल जाती है
समझने में
की क्या करें
क्या ना करें इसबार
और समझ आती है
तो उम्र के दिन
बचते हैं चार
तुम ही कहो
इतने में फिर
क्या-क्या करें
हम यार!!
#ashraffani-
उन राहों से आना जाना
छोड़ चले हम
जिन राहों ने दोनों को
जुदाई दी थी
मस्जिद और मयख़ाना वाना
छोड़ चले हम
तोहफ़े में जब दोनों ने
रूसुवाई ही दी
@ashraffani-
कभी रुकता ही नहीं
ज़िंदगी में सौदेबाज़ी का दौर
हर एक हासिल से पहले
कुछ न कुछ देना ज़रूरी है
कुछ न कुछ पाने से पहले
कुछ न कुछ खोना ज़रूरी है
#AshrafFani-
दरिया है, तो कोई किनारा भी होगा
डूबने से पहले कोई सहारा भी होगा
इतनी जल्दी तू हार क्यूँ मान लेता है
तू ज़रा ग़ौरकर कोई इशारा भी होगा
डूबने से पहले कोई सहारा भी होगा
दरिया है, तो कोई किनारा भी होगा-
सबकुछ अंदर, बाहर माया
माया ने सबको है खाया
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Sab kuchh andar,Baahar Maya
Maya ne Sabko hai khaaya
©AshrafFani-
एक दाना-एक लुकमा भी नहीं था
माँ की हालत क्या हुई होगी ग़म से
माँ ने फुसलाया था भूखे बेटे को
चाँद सपने में आ गया रोटी बन के
#AshrafFani-