क्या शिकवा करूँ उस 🛂हम्नसी के साथ का।
साथ हमने भी परछाईं के जेसा माँगा था।।
दोशि नही है मेरा 🛂हम्नसी जरा सा भी।
जरा सी 🌞रोशनी क्या हुई 🗿परछाईं ने ही साथ छोड़ दिया।।।-
अगर बात 📳करने
📴से ही महोबत💞 होती तो,
अब तक तो,
कस्टमर केयर वाली लड़की👩
मेरी 🙋
मेरी पत्नी 💏होती🙏
🙏🙏 sorry..-
क्या लिखूं ,
सोचा इतने दिन बाद लिखा तो कुछ ख़ास लिखूं...!
सोचा बीती बातों कि कुछ ख़ास बात लिखूं....!
हुए मन में उलझन कि, जज़्बात लिखूं....!
फिर सोचा , पुरानी बातों से ही शुरुवात करूं.....!
नहीं फिर सोचा , आज कुछ ख़ास ही लिखूं...!
कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या लिखूं..!
नए साल से ही शुरुवात करूं, अपने जिन्दगी की हर बात लिखूं....!
लिखना जो अब शुरू कि ,सोचती हूं अब हर एक बात लिखूं...!
आप सब से जुड़ने की , एक शुरुवात लिखूं.....!
इतना लिखा फिर भी समझ नहीं आया, कहां से शुरवात करूं....!
इतने दिन की दूरी की हर एक एक बात लिखूं....!
फिर सोचा, पहले कुछ लिख कर ही शुरुवात करूं......!
-
Dur Koun rhna chahta hai tumse...
Majbur bhi to tumne hi kiya hai....!-
Mehfil me hajar the,
pr najre keval tum hi ko
dhundha karti hai.. ...!-
क्या लिखूं अब कुछ समझ नहीं आता ....
लफ्ज़ खो गए हैं, या
मुझमें से तुम...!-
ख़ामोशी भी तो अच्छी हैं..!
अब जरुरी तो नहीं...
हर बात पर तुमसे लड़ूं ही...!-
लोगों के massage में जितनी सच्चाई होती हैं
काश !
हकीकत में भी हो तो
कितनों की जिन्दगी ना बर्बाद हो...!-