जिसके दिल में तुम हो
तो वहां अंधेरा कहां होगा।
साथ होगी तुम जिसके
तो वो शक्स तन्हा कहां होगा।
शिकायतें हो सकतीं है
आपको कोई शक नहीं
पर ज़रा सोचिए गौर फरमाइए।
इन शिकायतों और नाराजगी के बग़ैर
क्या कोई यादगार लम्हा होगा?-
2 DEC 2020 AT 0:48
1 DEC 2020 AT 12:40
जिंदगी के रास्ते भी कितने अजीब होते हैं।
वही हमें दूर लगते हैं जो सबसे करीब होते हैं।
एक दोस्त की तलाश में, उम्र निकल जाती है ।
जिन्हे मिल जाय वो यकीनन ही खुशनसीब होते हैं।
फिर जंग होती है खुदी की इस खुदा के बंदे से।
कभी मुजरिम ये वक्त होता है जो अपनो से दूरी बनाते है।
लम्हात वो छोटे छोटे से , फिसल यूं रेत से हैं जाते।
कभी फिर खुदी को साजिशों से ये हमी को बरगलाते हैं।
चंद ही लम्हों में ज़िन्दगी, गुजरी सी मालूम होती है।
वो तमन्नाएं वो अनकहे फसाने रह रह जब सताते हैं।
अपने तजुर्बे से मैं, बस इतना ही कहता हूं।
वक्त की अहमियत समझो, और उस हमदम को पहचानो।
दिल खोल के रख दो कह दो हर बात अपनी तुम।
बूंदे बन जाओ बारिश की, धरती में जो हो जाए गुम।
भीगा दो हर उस रूह को, तुम अपनी ही सी खुशबू में।
क्या जाने कब छू जाओ तुम उनको इन इत्तेफ़ाक़न गुफ्तगू में।-