साथ-साथ जीने मरने वालों को
सुना भी, देखा भी बहुत है।
किसी एक के जाने के बाद,
साथ मरने वालों को जीते भी देखा है,
नए साथी संग, नया जीवन
जीते भी देखा है।
कोई किसी के बिना रुकता नहीं,
जीना कौन छोड़ देता है,
जीवन में रंग भरते, सजाते देखा है
यही सच भी है,
यही देखा भी है।।-
2 MAR 2022 AT 16:12
1 MAR 2022 AT 11:32
शंकर तुम हो निर्विकारी,
हर मोह मद के हो तुम नाशी।
शंकर तुम हो निरंकारी,
हर कंकर में छवि तुम्हारी।
शंकर तुम हो अविनाशी,
हर घट घट के तुम हो वासी।
राम के तुम आराध्य त्रिपुरारी,
शंकर हो तुम राम पुजारी।।-