उड़ा कर मन के बोझों को,
कुछ हल्का हो लिए।
जो ख्वाब पूरे ना हो सके,
जागकर उजालों में उड़ा दिए।
जो गुबार था मन में,
बनाकर गुब्बारे हवा में उड़ा दिए।
मन के खुमार को,
ओस बिंदू बनाकर बहा दिए।।
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16 DEC 2021 AT 9:31
उड़ा कर मन के बोझों को,
कुछ हल्का हो लिए।
जो ख्वाब पूरे ना हो सके,
जागकर उजालों में उड़ा दिए।
जो गुबार था मन में,
बनाकर गुब्बारे हवा में उड़ा दिए।
मन के खुमार को,
ओस बिंदू बनाकर बहा दिए।।
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