26 जनवरी 2k25 को आज
सम्पूर्ण भारत अपना 76वां
गणतंत्र दिवस कुछ इस
प्रकार मना रहा है...
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महाशिवरात्रि की अनंत हार्दिक
शुभकामनाएं आपकों एवं
आपके 🫵 समस्त परिवार
को महादेव की कृपा आप
सभी पर सदैव बनीं रहें ...
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जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं यारा महादेव की कृपा ऐसे ही सदैव बनीं रहे ...🎂🍫🥳💐😍🎉🫵🤝🙄🤔🤦♂️🤦♂️😜😂😒😏😇😎🤐🤐🥱🥱👍👉👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
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प्रयागराज महाकुंभ आस्था,
संस्कृति, और एकता का
महापर्व संगम नगरी....
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रात के सन्नाटे में, जब हवाएँ भी ख़ामोश हो जाती हैं,
मैं सुनता हूँ वो पदचाप, जो "चंद्रशेखर आज़ाद जी"
के बूटों से निकलती थी, मानो ज़मीन से कह रही हो
कि "मैं तेरे लिए आख़िरी साँस तक खड़ा रहूँगा।"
कोहरे में लिपटी सुबहें, जहाँ "भगत सिंह जी" ने
शहीद होने से पहले अपने बाल सँवारे थे, जैसे
किसी महबूब से मिलने जा रहे हों, पर उनका
महबूब तो मिट्टी में बसा पूरा हिंदुस्तान था।
"राजगुरु जी" की हँसी अब भी गूंजती है, जैसे
मौत को धिक्कार रही हो, और "सुखदेव जी"
की आँखों में अब भी वो चमचमाती ज्वाला है,
जिससे उन्होंने अँधेरों को मात दी थी।
मैं देखता हूँ "खुदीराम बोस जी" का चेहरा
इतने कम उम्र, पर शहीद के आगे इतना बड़ा,
जैसे उसने वक़्त को चीरकर बता दिया हो कि
आज़ादी की कोई उम्र सीमा तय नहीं होती है।
"राम प्रसाद बिस्मिल जी" की कलम, अभी भी
उस मिट्टी में गड़ी होगी कहीं, जिससे "सरफ़रोशी"
की ख़ुशबू आती है, एक ख़ुशबू, जो लहू और
गुलाब दोनों की भाती ही महकती है।
उन अनगिनत नामहीनों को भी सलाम,
जो इतिहास की पन्नों में दर्ज नहीं हुए,
पर जिनकी रूहें आज भी सीने में
तिरंगा लपेटे आसमान में उड़ती हैं।
आप सभी ने अपनी जान देकर सर्वोच्च बलिदान
दी है, ताकि हम सारे देशवाशी हर एक छड़ सुख
चैन से आज़ादी के साँस ले सकें, आप सबने ख़ुद
को मिटा दिया, ताकि हम अपना नाम लिख सकें।
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महादेव की आशीर्वाद,
हो तेरे साथ हमेशा,
तेरी हर राह हो रोशन,
जैसे शिव की ज्योति की बात,
तेरे जन्मदिन पर दुआ है,
मेरी ये शिव की कृपा से,
सदा खुश रहो तुम,
यही मेरी सच्ची,
आराधना है...
महादेव कि कृपा सदैव
ऐसे ही बनीं रहें आप पर...
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In January's chill, I find my peaceful nest...
By the sea's warm touch, where golden rays find rest,
The weekend's calm, a perfect time to unwind,
And let the sunshine's kiss, upon my soul, be aligned...
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तेरा आना जैसे एक बहाना लगता है
हर बार इश्क का बढ़ता पैमाना लगता है।
सोचा था टूटी मोहब्बत की दरारों पर
बस एक मलहम है तू,
दुनिया की सौंपी हुई महज़ एक कलम है तू ,
तुझे खुदको लिखने देने का कोई इरादा तो नही था,
साथ से इकरार था पर प्यार का वादा तो नहीं था ,
तेरे संग के हर पल में भूला जो,
दर्दों का पहरा अब झूठा फसाना लगता है,
तुझे जिस ज़माने की रीत में चुना था मैने ,
आज तेरे आगे फीका वो ज़माना लगता है।-
I waited in silence, loved without pride…
He was never mine, yet I called him mine.
Some stories stay untold —
because they were never meant to shine.-