टकराते हो तुम जब जब ख़यालों से
घिर जाते हैं हम बेचैन सवालों से-
4 MAY 2018 AT 5:02
3 MAY 2018 AT 20:46
गुजरता नहीं अब खुद के करीब से
कहीं टकरा न जाऊँ तुझसे दोबारा-
22 FEB 2021 AT 8:38
एक रोज़ हम उनकी गली से गुज़र रहे थे,
उनका हमसे टकराना भी ग़ज़ब ढा गया,
मानो बरसों की एक दुआ क़ुबूल हो गई थी।-
18 MAY 2018 AT 6:09
जिंदगी जब जब किसी से टकराती है
थोड़ी मरम्मत हो जाती है
पर फिर भी किसी से न टकराओ बार बार
चाहे हो नफ़रत, चाहे हो प्यार-
3 JUL 2018 AT 2:51
टकरा गयी वो रात में रात बनकर
बरस गयी बरसात में बरसात बनकर
आसान नहीं है उससे बचकर निकलना
रहती है क़ायनात में क़ायनात बनकर-
1 FEB 2019 AT 20:08
हमसे टकराने की वजह ढूँढते हैं
शायद फिर से दिल में जगह ढूँढते हैं
हम डूब जाते हैं पुरानी यादों में
पैर टिकाने को सतह ढूँढते हैं-
21 JUN 2019 AT 23:57
मेरी ख़ामोशी जब तेरे अहम से टकराती है
कभी तुझे कभी मुझे ख़ामोश कर जाती है-
13 DEC 2019 AT 18:24
मोहब्बत होती है तो लोग बिछड़ कर मिलते रहते है लेकिन जान हमे तो तुमसे नफ़रत है हर रोज़ टकराएंगे तुमसे।।
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