ये आंखें यूं ही नम नही होते,
इनके करने वाले बारहम नही होते।-
दिल के पार हुवे तो इल्ज़ाम क़त्ल का ही लगेगा...
Life is... read more
हर किसी को ख़ास ना कह,
दूर को दूर ही कह,पास ना कह।
मुहब्बत में अब सिर्फ़ खोवाहिश है,
ऐसी मुहब्बत को मुहब्बत का अहसास ना कह।
तू जीत जाएगा अगर ख़ुद से नही हारेगा,
हर हाल में ख़ुद को निराश ना कह।
*तबरेज़ अहमद*-
रात की सुकून को पाने के लिए,
ऐ ज़िंदगी कितनी शाम को खोया है हमने।-
रात की सुकून को पाने के लिए,
ऐ ज़िंदगी कितनी शाम को खोया है हमने।-
मुहब्बत चाहत शोहरत,से परे हटकर देखा जाए,
तो ये दुनिया काफ़ी हसीन है।-
मेरी वालिदह ने जो शजर लगाया,
आज भी मेरे घर के सहन में है,
लगाते वक्त ये नसीहत किया,
उम्र के एक पड़ाव में ये फ़ल दे या न दे, छाव ज़रूर देगा,
आज भी ये बात मेरे ज़हन में है।
वालिदह/मां
सहन/आँगन
ज़हन/दिमाग़
शजर/पेड़-
इतना आसान नहीं है बाप होना,
अपने बच्चो के लिए बुलंदियों सा आसमान होना।-
बिछड़ कर भी जिया जा सकता है,
ये सीख नदियों और झरनों से सीखो।-
चांद का वजूद चांदनी से नही,सितारों से है,
ज़िंदगी के मायने महबूबा और महबूब से नही,
"तबरेज़" ये तो अपने यारो से है।-
ज़िंदगी को अपने वालीदैन के नज़रिए से जिया जाए,
क्योंकि उनके जीने की वजह सिर्फ़ हम होते हैं।
हमे भी सिर्फ़ फ़िर उन्ही के लिए जिया जाए।
वालिदैन/माँ बाप-