Tabassum Khan   (Tabassum Khan)
1.9k Followers · 14 Following

read more
Joined 1 July 2020


read more
Joined 1 July 2020
17 MAY AT 20:11

दुआओं में वो

मन्नतों का धागा बाँध आई हूँ,
आज फिर उसे दुआओं में माँग आई हूँ।

कि वो रहे चैन से — यही इल्तिजा रही,
अपनी हर तन्हा रात, उसी की ख़ैरियत में बिताई हूँ।

कभी लफ़्ज़ों में नहीं कहा उसे कुछ,
बस रब से हर बार ,उसी का नाम दोहराई हूँ।

वो दूर है, मगर दिल के बहुत पास है,
मैं आज भी ,उसी की हर बात में समाई हूँ।

किसी रोज़ लौटे ,वो किसी मोड़ पर —
यही उम्मीद लिए ,मन्नतों का धागा बांध आई हूँ।

-


25 AUG 2024 AT 19:29

तुम्हें मुस्कुराते देख हम भी बेवजह मुस्कुराए थे ।
के आओगे मिलने ख़्वाबों में,ये सोच खुद ही खुदको गले लगाए थे।।
माना के तुम्हारे चाहने वाले कई हैं, पर यार अब इतना भी भाव मत खाओना।
DEAR CRUSH
प्लीज़ मान जाओ ना ...।।

-


3 JUL 2023 AT 17:21

मौसम- ए -इश्क़ है, थोड़ा करीब तो आ ।
लबों को छू के गुज़रे ,उस बूंद की तरह।।


-


18 APR 2023 AT 2:43

अपना लिया है तन्हाई को ।
पर मोहब्बत कम नहीं होता।।

सोचा भुला दूं उस शख़्स को।
पर यूं आसान नहीं होता।।

मुमकिन कोशिश करली ,की चाहु किसी और को।
पर किसी गैर को चाहु ये मन नहीं होता।।

कैसे क़ुबूल करू हिज्र को।
दिल-ओ-जान से मोहब्बत की ,ये कभी खत्म नहीं होता।।

-


5 APR 2023 AT 12:14

किया था वादा मिलने का ,वो एक दीदार बाकी है । पर ना आना बाहर तुम ,मेरी जान कोई ईद न करले।।
अभी रमज़ान बाकी है।।।

-


23 MAR 2023 AT 22:03

बेसब्र हु और हु बेकरार।
के आए वो दिन ,जब तेरे साथ में हो सेहरी ,और साथ हो इफ्तार।।

-


15 FEB 2023 AT 21:37

मेरे ख्याल तुमसे हैं, और तुम्ही से ख़्वाब भी
मेरे अल्फाज़ तुमसे हैं ,और तुम्ही से जज़्बात भी।

मेरे दिन तुमसे हैं ,और तुम्ही से रात भी
मेरी हर बात तुमसे हैं ,और हर पल जो आती याद भी।।

-


7 DEC 2022 AT 21:32

तेरे बाद किसी से न मोहब्बत होगी ।
गर बांध गए किसी रिश्ते में वो बस मजबूरी होगी।।

प्यार, इश्क़,मोहब्बत बस तुझसे है ।
कोई और आए दिल में ,ये दिल की भी न मंजूरी होगी।।

-


25 NOV 2022 AT 12:20


तू होटल बड़े शहरों की , मैं नुक्कड़ वाली दुकान प्रिय।
तू आलीशान सी घर, मैं मिट्टी वाला मकान प्रिय।।


तू सुबह की चाय सा सुकून , मैं धूप सा जलता हुआ सवेरा प्रिय ।
तू जैसे रोशनी चांद की,मैं कोई रात का अंधेरा प्रिय ।।

-


26 SEP 2022 AT 21:42

PURANI TASVEER

एक मुलाक़ात हुई उससे वो बोहोत खुश नज़र आई।
देख मुस्कान उसकी, मेरे चेहरे पे एक छोटी सी मुस्कान आई।।

बहुत खुश थी वो ,सब चीज़ों से परे थी ।
बस यादें हुई ताज़ा और यूं हीं आंख भर आई।।

खो गई थी मैं कही खुद में ही।
देख पुरानी तस्वीर अपनी , मैं खुद से मिल आई।।





-


Fetching Tabassum Khan Quotes