तुम्हें मुस्कुराते देख हम भी बेवजह मुस्कुराए थे ।
के आओगे मिलने ख़्वाबों में,ये सोच खुद ही खुदको गले लगाए थे।।
माना के तुम्हारे चाहने वाले कई हैं, पर यार अब इतना भी भाव मत खाओना।
DEAR CRUSH
प्लीज़ मान जाओ ना ...।।-
Kaise ho aap sabhi?....
*तबस्सुम की दुनिया में आपका स्वागत... read more
मौसम- ए -इश्क़ है, थोड़ा करीब तो आ ।
लबों को छू के गुज़रे ,उस बूंद की तरह।।
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अपना लिया है तन्हाई को ।
पर मोहब्बत कम नहीं होता।।
सोचा भुला दूं उस शख़्स को।
पर यूं आसान नहीं होता।।
मुमकिन कोशिश करली ,की चाहु किसी और को।
पर किसी गैर को चाहु ये मन नहीं होता।।
कैसे क़ुबूल करू हिज्र को।
दिल-ओ-जान से मोहब्बत की ,ये कभी खत्म नहीं होता।।-
किया था वादा मिलने का ,वो एक दीदार बाकी है । पर ना आना बाहर तुम ,मेरी जान कोई ईद न करले।।
अभी रमज़ान बाकी है।।।-
बेसब्र हु और हु बेकरार।
के आए वो दिन ,जब तेरे साथ में हो सेहरी ,और साथ हो इफ्तार।।-
मेरे ख्याल तुमसे हैं, और तुम्ही से ख़्वाब भी
मेरे अल्फाज़ तुमसे हैं ,और तुम्ही से जज़्बात भी।
मेरे दिन तुमसे हैं ,और तुम्ही से रात भी
मेरी हर बात तुमसे हैं ,और हर पल जो आती याद भी।।-
तेरे बाद किसी से न मोहब्बत होगी ।
गर बांध गए किसी रिश्ते में वो बस मजबूरी होगी।।
प्यार, इश्क़,मोहब्बत बस तुझसे है ।
कोई और आए दिल में ,ये दिल की भी न मंजूरी होगी।।
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तू होटल बड़े शहरों की , मैं नुक्कड़ वाली दुकान प्रिय।
तू आलीशान सी घर, मैं मिट्टी वाला मकान प्रिय।।
तू सुबह की चाय सा सुकून , मैं धूप सा जलता हुआ सवेरा प्रिय ।
तू जैसे रोशनी चांद की,मैं कोई रात का अंधेरा प्रिय ।।-
PURANI TASVEER
एक मुलाक़ात हुई उससे वो बोहोत खुश नज़र आई।
देख मुस्कान उसकी, मेरे चेहरे पे एक छोटी सी मुस्कान आई।।
बहुत खुश थी वो ,सब चीज़ों से परे थी ।
बस यादें हुई ताज़ा और यूं हीं आंख भर आई।।
खो गई थी मैं कही खुद में ही।
देख पुरानी तस्वीर अपनी , मैं खुद से मिल आई।।
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रूह परेशान और दिल बेचैन है ।
अजीब बेकरारी ,धड़कन भी तेज़ है ।।
क्या हुआ कुछ पता नहीं
न जाने ये कैसा खुमार है ।।
हकीम ने बतलाया "तुम्हे चढ़ा इश्क़ का बुखार है"
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