t.p.swi   (t.p.swi)
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Joined 1 March 2022


Joined 1 March 2022
14 MAY AT 22:28

मुसकुराहटे भी थोड़ी शर्मा गयी..
हा तुम्हारी यादें याद जो आयी है..।

जादुई सा है ये सफ़र..
तुम जरा आहिस्ता तो चलो..।

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14 MAY AT 0:22

सोचा तो हमने..कभी नहीं था
आपके महफ़िल का हिस्सा बनूंगी।
सोचा तो हमने..कभी नहीं था
आपकी शायरी के हम दिवाने बनेंगे।
मुझे लगता था..
ये महेज लफ़्ज़ों का खेल है।
मुझे कहा पता था..
लफ्ज़ों भरी शायरी..मेरी दिल में यूँ उतर जाएगी।

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6 MAY AT 23:38

क्या शिकायत करूँ.. ए-हवा तुझसे..
वक्त के सफर में हम भी तो बह रहें हैं बस..

जिंदगी को किस्सों में गुनगुनाया है तुझसे..
जुल्फों को हजार बार सवारा है तुझसे..
वक्त बेवक्त महसूस जो हो रही है तू..
पतझड़ में सुकून का एहसास जो दिला रहीं हैं तू...

तू जो बार बार मेरी मुसकुराहटों को छू रहीं हो...
ए-हवा क्या शिकायत करूँ तुझसे...

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23 FEB AT 14:13

कुछ लोग यूँ ही सुकून की तलाश में भटकते रहते हैं ।
सच कहूं तो....
सुकून बहुत ही सस्ती चीज है जनाब...
किसीसे दो चार बातें करू.. तो सुकून
बहती हवा में जुल्फों का लहराना.. भी सुकून
एक कप चाय में अदरक का स्वाद मिला हो.. तो वो भी तो है सुकून।

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4 FEB AT 20:31

जवाब हूँ।

सवालों को दिल में रखके
तुम करोगे क्या ?

क्या पता तेरे भी किसी सवाल का जवाब निकलूँ मैं
एक बार पुछकर देखोगे क्या ?

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3 FEB AT 22:13

रिश्तों के भीड़ में
आज गुमसुम सी है वो
बैठीं है बहती नदी के पास
मगर कहीं दूर देख रहीं हैं वो

सही और गलत में
आज थोड़ी उलझी सी है वो
चांद नज़रों के सामने है
मगर उसकी परछाईं देख कर खुश है वो

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30 JAN AT 23:02

ख्वाब टूटे कईं सारे..
जो जिदंगी जीने की आस हुआ करते थे ।

दोस्त भी बिछड़ गये कईं सारे..
जो कभी हमारी जान हुआ करते थे ।

ना ख्वाब सजाना छोड़ा हमने..
ना जिंदगी जीने का तरीका बदला.. ।

ए जिंदगी..
तू यूँही काटे सज़ा मेरी राह में..
मैं काटों की महफ़िल में गुलाब बन जाऊँ जरा.. ।

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16 JAN AT 21:57

अगर तू दोस्त कहता है मुझे...तो थोड़ा हक़ भी जताया कर..
अगर तू अपना मानता है मुझे...तो अपने दर्द यूँ छूपाया ना कर..

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10 JAN AT 16:00

दोस्त है मेरा..। तो हर कोई कहता है..
अगर मेरी यादों से दोस्ती हो जाए.. तो बताना।

बात तो हर कोई करता है..हर किसीसे..
अगर मेरी अनकही बाते तू समझ जाए.. तो बताना।

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7 JAN AT 22:35

आज महफ़िल सजी है...कल ही की तरह
तारे टिमटिमा रहे हैं...हिरे मोतीयों की तरह
मगर आसमान फिर भी सूना है...चांद तेरी रोशनी के बिना

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