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Aug-2023 she visited to my profile, Sep-... read more
उम्र भर का साथ क्यूं निभाते नहीं हैं लोग,
एक बार छोड़कर चले जाने के बाद, फिर वापिस न जाने क्यूं आते नहीं हैं लोग।
प्यार अगर होता है सच्चा, तो क्यूं दिल से जताते नहीं हैं लोग।
उम्र भर का साथ क्यूं निभाते नहीं हैं लोग।
क्या दौलत, शौहरत, रूत्बा पैसा ही सबकुछ है,
पहले ही दिन सब सच क्यूं बताते नहीं हैं लौग।-
हां हम फिर मिलेंगे, चाँद के उस पार
जहाँ ना तो पैसे की दिवार होगी और ना ही किसी रूतबे की।-
फांसलों में सिमट गयी ये तेरी मेरी कहानी,
मगर प्यार तेरे जाने के बाद भी कम ना हुआ ए दिलबर जानी।-
अब कुछ भी पहले जैसा नहीं है,
जब से वो गयी हम मर से गए।
Now nothing is the same as before,
Since she left I am dead.-
एक जंग जो भारी है,
फिर मौत की तैयारी है।
कफ़्न में लिपटी हैं लाशें,
जीत जाने की बिमारी है।
सियासत जो दोनो तरफ तेज़ है,
मिलकर आपस में हल करने का कुरहेज़ है।
शांती और अमन से वास्ता है टूटा,
फिर से वक्त क्यूं हमसे है रूठा।
ये कैसी बेबसी और लाचारी है।
के एक जंग जो भारी है,
फिर मौत की तैयारी है।
कफ़्न में लिपटी हैं लाशें,
जीत जाने की बिमारी है।-
सच्चे प्यार की आजकर कहाँ कद्र है किसी को,
दूसरों के जज़्बातों से बाखूबी खेलते हैं कुछ लोग।
फ़ना होकर प्यार के झूठे वादों में,
जंग इश़्क की मन ही मन एक-तरफ़ा झेलते हैं कुछ लोग।
कोई नहीं यहाँ जो साथ निभाए जिंदगीभर,
चार दिनों में ही दिल तोड़कर रूह से खेलते हैं कुछ लोग।
सच्चे प्यार की आजकर कहाँ कद्र है किसी को,
दूसरों के जज़्बातों से बाखूबी खेलते हैं कुछ लोग।-
टूटकर बिखर सा गया मन,
न रही दिल में कोई खुशी की तरंग।
प्यार था जो देह रूपी यज्ञ से हो गया भंग,
मर गयी सभी ख्वाहिशें और ऊमंग।
फीका पड़ गया जिंदगी की श्याही का रंग,
आया नहीं हमें जीवन जीने का ढंग।-