Syed Fatima   (मेरी कलम से)
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Joined 17 May 2018


Joined 17 May 2018
7 AUG AT 14:33


शिकायतें अपनी जगह है
मगर उसको सुन कर
महसूस करने का
एहसास अपनी जगह है

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7 AUG AT 14:27

और फिर मैने अपने चांद से भी बाते की 💃🌜

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7 AUG AT 2:50

मैं भी बहुत अजीब हूँ ....
की इतनी अजीब हूँ कि बस
ख़ुद को तबाह कर लिया
और मलाल भी नहीं

(जॉन एलिया)

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7 AUG AT 1:48

आज चांद की फोटो ली तो
मुझे मेरा चांद भी याद आया

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7 AUG AT 1:43


क्या कहेगा कभी मिलने भी अगर आएगा वो
अब वफादारी की कसमें तो नहीं खाएगा वो
हम समझते थे ,के हम उसको भुला सकते थे
वो समझता था हमें भूल नहीं पाएगा वो
कितना सोचा था
पर इतना भी तो नहीं सोचा था
याद तो आएगा वो
और याद बन जाएगा वो
ख्वाब में न आ कर मेरे
बस एक ख्वाब नज़र आएगा वो

सबके होते हुए एक रोज़ वो तन्हा होगा
फिर शायद वो ढूंढेगा ,और नहीं पाएगा वो

इत्तेफाकन जो कभी सामने आया अजमल
अब वो तन्हा तो न होगा ,जो ठहर जाएगा वो।

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7 AUG AT 1:38

मुझे शक था मेरी पसंदीदा चीज़ मुझे नहीं मिलती
मगर अब यकीन हो गया
मेरी पसंदीदा चीज़ या
तो तब्दील हो जानी है
या फिर मुझसे छिन जानी है।

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25 JUL AT 10:21

बता इससे ज्याद तुझसे क्या कहती
करीब आते हो तो उम्मीदें बढ़ जाती है
समझना चाहते तो गले लगा लेते
जो तुझे ठीक लगा तूने जरूरी समझा
अनजान बन कर मुझपे रखना सब जरूरी समझा


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25 JUL AT 2:30

सही लिखा है किसी ने...
तुम जैसे हो वैसे ही रहो
तुमको बदलना नहीं चाहती मैं कभी
मगर चाहती हूं तुम खुद बदलो मेरे लिए
रोकना नहीं चाहती आगे बढ़ने से
मगर चाहती हूं -आगे बढ़ो अगर
तो मुझे साथ लेकर
नहीं चाहती लड़ो मेरे लिए
मगर चाहती हूं
ज़रूरत पड़ने पर साथ रहो मेरे
नहीं चाहती गले लगाओ मुझे मगर चाहती हूं
जब भी चाहूं पास रहो मेरे ।

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25 JUL AT 1:56

दिल कर रहा है कहूं
दुआ करदो
मैं तुमको महसूस करते करते मर जाऊं।

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25 JUL AT 1:53

वो तो तुमने मजबूर कर दिया जुदाई की बात कहने पर वरना
मुझे तुम्हारे इंतेज़ार से भी बे इंतेहा मोहब्बत होती रही

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