I may pretend I don't need to defend myself
But
Teri Aankhon mein dikhta Jo pyaar mujhe
Meri aankhon mein bhi tujhe dikhta hai
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Taking breath since April 29 , 1997
Caffeine Infusion • Extrovert • Write... read more
एक वक्त से दोनो ज़िद पर अड़े हैं
मेरे असरार मेरी हकीकत से बड़े हैं ।
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मैं अधूरे लब्ज़ तू मुकम्मल बात बन
मैं हूं खामोश तू मेरी आवाज़ बन
और जब मैं फरियाद करूं खुदा से
मैं बनू चेहरा तू उसकी मुस्कान बन 🦋
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सिलसिला फिर शुरू हो गया है
नींद ना आने का ।
अज़हर ।
अल्लाह खैर करे ।-
तेरा चुप होकर जाना
ऐसा क्या बुरा था
बस
तेरा वापस ना आना बुरा हो गया ।
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रांतों में दबी कहानी कुछ और भी हैं
लब्जों में कहीं बातें कुछ और भी हैं
यूं तो मेरा दिल अभी समझता कुछ और भी हैं
बहते आंसू सूख गए हैं पर
चेहरे के गम छुपाने कुछ और भी हैं ।
मेरी हसरत हैं की तुझसे कुछ और कहूं
कुछ पल के लिए तेरा आशिक़ और रहूं
महज़ मेरी चाहत तेरी हकीकत ना हो मगर
बचे तेरे नाम के दीवाने कुछ और भी हैं ।
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I may pretend I want you to let go of me
But
अभी ना जाओ झोड कर , के दिल अभी भरा नहीं ।-
I may pretend I don't have feelings of any sort
But
तसव्वुर के हसीं लम्हे तेरा एहसास करते हैं ।-
अब तो यूं है के सितारे टूटने लगे हैं
कुछ बेहतरीन लोग ज़िन्दगी से रूढ़ने लगे हैं
साल बड़ा ज़ालिम रहा हम पे
जिनको अदाकारी से बेहतर कल बनाना था वो छूटने लगे हैं।
R.I.P SUSHANT SINGH RAJPUT
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थोड़ी मोहब्बत अभी भी बाकी है पर कह नहीं सकते
तब तो यूं भी था की मज़हब आडे आ गया
अब तो यूं भी है की हम मिल नहीं सकते ।
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