जिन्हे तेरे जज्बे , फितूर लगेंगे ।
ऐसे शक्श जिंदगी में ,भरपूर मिलेंगे ।
बात दिल की हो , या मंजिलों की ,
इनकी नियामते कल को नासूर लगेंगे।-
स्याही
(Syahi)
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A simple person just like you.
An Engineer by choice , a poet by pain.
। कलम की आवारागर्दी... read more
An Engineer by choice , a poet by pain.
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Joined 24 May 2018
27 JUN 2022 AT 14:03
25 JUN 2022 AT 23:53
बल्कि सब कुछ था मेरा ।
मेरे रातों की नींद,
मेरे सुबह का सवेरा।
कुछ नही था वो ,
वो नहीं , तो कुछ नही है ।
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24 JUN 2022 AT 10:41
साल दर साल के मलवो के नीचे ,
वो चिंगारी अब तक जिंदा थी ।
कई दफा जलाया खुद को ,
पर तेरी आग अब भी बुझी नही।
ना उम्मीदें,ना तड़प , ना ही जुनून।
बस कुछ भूली सी बातें ,
हंसी के ठहाके,
उन गुजरे लम्हों की पेंशन पे,
आज के चर्चे चलाना।
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24 JUN 2022 AT 9:28
make myself better.
The world is same,
but view differs.
Change of attitude,
Sight the vast surface,
and skip the syphers.-
22 JUN 2022 AT 23:41
तुझसे मिलके जाने ये क्या हो गया ,
ये काफ़िर फिर से मुसलमा हो गया ।
उम्र बाकी न रही ,पर तू बाकी रह गया ,
फिर मिलने की बात, तु यूं ही कह गया ।-
9 JUN 2022 AT 11:36
तुम अपने अंदाजे अपने पास रखो ,
हम अपनी इबादत अपने पास रखते हैं ।
तुम हथेलियों में चांद तारे ढूंढ़ते हो,
हम बाजुओं में हौसला खास रखते हैं ।-