जिंदगी एक खेल है जुएं का
कभी हार मिले, कभी जीत मिली
कभी अपनों का बौछार मिला
कभी अकेलेपन ने थाम लिया
ये कैसा चक्र है जीवन का
यहाँ रिश्तों ने भरमाया है
कहीं बादल छाई है खुशियों की
कहीं घने दुखों का साया है
हम खुशफहमी के मेले में
पड़ जाते है झमेले में
इन झूठे रिश्तों के फेरों में
खो देते हैं खुद को गैरों में
कोई जीवन में यूँ ही आकर के
अपना हमें बताता है
जीवन की नई राह दिखा करके
जीना हमें सिखाता है
खुद को हमसफ़र बता करके
हमारे करीब वो आता है
फिर एक दिन अचानक से
हमें रोता हुआ छोड़ जाता
बस इतना सा ही जीवन है
कोई आता, कोई जाता है
ये सब मिलाकर के
जीवन जीना हमें सिखाता है
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