कोई तो ऐसा लम्हा जो हो सिर्फ मेरे लिए हो,
जहां सिर्फ मैं रहूं, जहां मेरे जज़्बात, मेरे सपने आजाद हो ।
न किसी जिम्मेदारी की फिक्र, न किसी मर्यादा का डर
जहां खुलकर मुस्कुरा सकू, जहां खुलकर रो सकू, न दुनियादारी का खौफ, न नासमझी की शर्म ।
मैं खुद से खुद की बातें करू, खुद से उलझु खुद संवर जाऊं,
मुझे ही मैं सुनूं, मुझे ही मैं समझाऊं।
बिखरु मैं कभी तो दायरा मेरा हो, सोचू जो कभी किरदार मेरा हो,
कोई तो ऐसा लम्हा हो जो सिर्फ मेरा हो l-
मैने इंतेजार चुना है
तेरे जाने के बाद, मैने तेरा दर्द चुना है
राहें वही , गलियां वही , हां मैने सफर चुना है
मैने तेरा न होना स्वीकारा है
तेरा नाम तो मिटा दिया, पर तेरे यादों को चुना है
हां मैने इंतेजार चुना है।
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कहते है किसी को पाने की ख्वाइश हो तो वो मुक्कमल जरूर होती है।
जरूर मेरी ही ख्वाइश में कोई कमी रही होगी वर्ना हम साथ होते।-
तुम से हम, हम से आप और आप से अजनबी तक का सफर मुश्किल तो था पर तय तो सिर्फ मैने किया था।
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कह दूं तो शायद हल्का हो जाए।
पर कुछ दिल के बोझ ऐसे भी है जिनके होने से आप है।-
मैने जो चाहा वो मिला तो नही
जो मांगा वो मिला तो नही
जो सोचा वो हुआ तो नही
फिर तुम आए कैसे मेरी जिंदगी में ?-
प्रेम में अगर कुछ अच्छा होता है तो वो है उसका,
आरंभ और बुरा उसका अंत,-
तुम्हे तुम्हारा रहने दिया, और क्या हक़ अदा होती हमारी मोहब्बत की ।
तुमने मुझे मुझमें ही मरा छोड़ दिया, इतने भी कुसुरवार नही थे हम ।-
काश के मैं वो वक्त वापस ले आती,
काश के मैं वो रात वापस ले आती,
काश के तुम आए न होते,
काश के हम बर्बाद हुए न होते।-