मैं तुमसे आख़री डोर तोड़ रहा हूँ
तुम्हें आज़ाद परिंदा बना के
मैं तुम्हारे आसमां से मुँह मोड़ रहा हूँ
तुम फिक्रमंद नहीं थे कभी
अब बेफ़िक्र होने की मेरी बारी है
किसी नए आसमां में उड़ने की
अब मेरी तैयारी है-
होली के खूबसूरत रंगों की तरह
आपको और आपके पूरे परिवार को
मेरी ओर से ढेरों रंगो भरी, उमंगो भरी,
आकाश भर शुभकामनाएं🙏-
नियति बहुत बेरहम होती है...
यह अपने दोस्तों से मुँह फेरने पर
और दुश्मनों से बात करने पर मजबूर कर देती है
Destiny is very cruel ...
it compels us to turn our backs
on our friends and talk to our enemies
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कौरवों की फ़ौज नहीं, चाहूँ मुझे अर्जुन मिले,
महलों वाला नहीं, मित्र सुदामा निर्धन मिले।
जो भीड़ गया मित्रता में, अधर्म की ओर से,
चाहता हूँ मैं भी, मुझे वही कर्ण मिले।।
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कभी कभी ऐसा वक्त भी आता है
जब किसी का इन्तेजार नहीं रहता...
आप अपने साथ ही सहज, प्रसन्न रहते हैं!
मस्त रहते हैं!!-
राजनीति में शिक्षा का महत्व हो न हो
शिक्षा में राजनीति जरूर होता है-
जीवन में आनंद के प्राप्ति के लिए-
"हँसना" सीखना पड़ता है...
"रोना" तो जन्म के साथ आ जाता है!!-
तुलसी रख दिया मैंनें
मृत रिश्तों के मुख में,
मोक्ष की आस में...!!-