The more you haunt for "self" ......
The more you seek "you"....-
The two sides of "a coin"....
The two sides of " a coin" ...
Do seek out their way through.....
One always being "the me".....
The other being stuck at "you"......
(Poem In Caption)-
पल्कें झुकाकर झूठे से लगते हो......
इस बार तो नज़रें उठाकर मिलो......
(Read in Caption)-
आँखों की बरसात में , हमारे वो सपने भीगे से हैं....
बस तेरे प्यार की थोड़ी धूप ही तो चाहिए.....-
चीख़ती खामोशी के पीछे छुपा , एक बिलखता सा शोर होता है......
चारों ओर फैले सन्नाटे में घुला ,ये बिखरता हर ओर होता है.....
चाशनी सी आवाज़ , के पीछे का सच्चा चेहरा ,चुप्पी में दबी वो झूठी परछाई सा होता है.....
जो होकर भी नज़रों के सामने कहीं ,नज़रों के पहुँच से दूर होता है.....
कुछ बाते यूँ दबी रहती है दिल में , जिनका चर्चा छाया हर ओर होता है......
अंदर मरी सी रहती है वो जोगन , आँचल थामे कोई और होता है......
कहने को कर देते है उसे यूँ ही बदनाम , कोठों में बसने का कहाँ मोह होता है......
दिख जाते हैं सबको उसके पैरों के वो घूँघरू , नहीं सुनता जो पीछे "माँ - माँ " का शोर होता है....-
वो कहता है , इंद्रधनुषी रंगों सा हर रोज़ बदलता है मेरा रंग - ढंग ....
अब क्या कहूँ उसे , "शरारतें ही तो हैं तेरे इश्क की"....-
ज़िन्दगी की गुल्लक , कुछ यू भरी सी है....
न सिक्कों की खन - खन , न नोटों की झड़ी सी है......
जो तोड़ू तो हाथ आए , यादों का जमां खजा़ना.......
जिसे गिनने को पूरी ज़िन्दगानी पड़ी सी है.....
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