तुम्हारी बातें, तुम्हारी बातें महज़ बातें थी, और मैं उन्हें वादे समझ बैठी थी...
तुम कहते थे तुम चाहते हो, महज़ बस कहते थे, मैं उसे चाहत समझ बैठी थी,
तुमने कहा था तुम्हे मैं पसंद हूं हर हाल में, और देखो, मैं खुद को खूबसूरत समझ बैठी थी,
तुमने की थी बातें, मुझे कभी न छोड़ने की, मैं खुद को खुशनसीब समझ बैठी,
तुमने की महज़ बातें साथ निभाने की, और मैं तुम्हारे साथ के ख़्वाब सजा बैठी थी,,
फिर एक रोज़ समझ आया तुमने की थी महज़ बातें सारी और मैं उसे इश्क़ समझ बैठी थी ।।
Writer_swati jain-
sweety Jain
(मेरे गुरु मेरी पहचान @$😍)
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Joined 28 January 2018
15 JUL AT 23:16
20 JUN AT 13:19
आप पर शुरू होकर आप पर ही खत्म हो जाती है
ये मेरे दिन, ये मेरी रातें, ये मेरे ख्याल, ये मेरी बातें-
16 JUN AT 17:21
सुख हो या दुःख मुझे दोनो मंजूर है "मेरे गुरुदेव"
पर शर्त ये है कि आपको मेरे साथ रहना पड़ेगा😊🫶🏻❤️-
16 JUN AT 14:24
अगर श्रद्धा सच्ची हो तो लगी तस्वीर,
में भी भगवान नजर आने लगता हैं….
🙏🏻✨🙌🙇🏻♀️-
14 JUN AT 16:19
मुझे आप मिल गए गुरुदेव , सहारा हो तो ऐसा हो।
जिधर देखूं उधर तुम हो, नज़ारा हो तो ऐसा हो।❤️🙌😊-
12 JUN AT 7:02
मेरी सांसों पर नाम सिर्फ़ तुम्हारा है,
अगर खुश हूँ तो गुरुदेव एहसान सिर्फ़ तुम्हारा है❤️🤌🏻🙇🏻♀️-
4 JUN AT 12:36
कुछ तो अच्छा लिखा होगा मेरे
गुरुदेव ने मेरे लिए
जो दिल हमेशा सब्र पर राज़ी हो जाता हैं!!
🥹🧿✨☺️-