उलझा मन करता बातें उलझी
दुनिया से लगता अनजाना हो
यूं कदम चले मानो हो बंजारे
इसका न कोई ठोर ठिकाना हो
ढलता सूरज लिए छटा लाल सी
जैसे कहता कोई फसाना हो
मद्धम सी हवा, बहती नदियां
बुनती कोई तानाबाना हो
कोई शाम तो ऐसी होगी
जब जल्दी घर न जाना हो-
हर ख़ुशी हमको ज़िन्दगी से मिले
यार वो हमको मरहमी से मिले
अपनी शानो-मयार को भुलें
इस तरह एक अजनबी से मिले-
चांद को निहारती कभी सोई सी हूँ,
ना ढूंढो मुझे, कहीं खोई सी हूँ
यूँ तो कहानी का महज़ हिस्सा हूँ मैं
मगर बहलाई गई, किस्सागोई सी हूँ
गाफिल हूँ, न जाने सफर कहां तक है,
साथ पलकों पे चंद सपने मैं, ढोई सी हूँ-
जब कुछ समझ न आए
हो चिंता के बादल छाए
मन बोझिल सा भारी हो
बस ग़म की हिस्सेदारी हो
तब खुद को तुम बहने देना
ग़मों में बंध कर न रहने देना
रो कर न कुछ हासिल होगा
रखना भरोसा आक़िल होगा
वो वक़्त भी बेशक आएगा
जब वक़्त ये चला जाएगा-
तू प्रेम में मेरी राधा बन जा,
कृष्ण तेरा बन जाऊं मैं..|
दिखे मुझमे इक छवि तुम्हारी,
तेरे अधरों पर मुस्काऊं मैं..|-
अबके मिलना तो यूँ मिलना
की मुलाक़ात अधूरी लगे
रखना फ़ासले दरम्यान मग़र
फिर भी न कोई दूरी लगे
हो चाँद आसमां में तन्हा रुका
रौशनी उसकी फ़ितूरी लगे
आँचल को छु मेरी यूँ गुज़रे हवा
महके ऐसे घुली कस्तूरी लगे
सारा आसमां देखे नज़रभर हमें
सांझ हो जाए ऐसी सिंदूरी लगे
अबके मिलना तो यूँ मिलना
की मिलना दुबारा जरुरी लगे-
उड़ने दो मुझको, मुझे आसमां दो
दूर नफ़रतों से, एक छोटा सा जहां दो
ये नहीं मेरी दुनिया, सब गैर लगते हैं
मिले सुकून जहाँ एक घर मुझे वहां दो-
Worrying over things you can't control,
would never help.
Be calm and..
Just go with the flow..-
वो था बढ़ चला भूल सारी ही बातें
मैं उसकी यादों में गिरफ्तार ही मिला-