रानी दुर्गावती के अमर बलिदान पर शत-शत नमन🙏🙏
चंदेलों की बेटी हूं मैं,
गोंडवाना की महारानी हूं।
चंडी हूं रणचंडी हूं,
मै दुर्गावती भवानी हूं।
तीर हूं तलवार हूं मै,
भालो और तोपो का वार हूं।
फुफकार हूं हुंकार हूं मैं,
शत्रुओं का संहार हूं।
साहसी हूं - स्वाभिमानी हूं मै,
गोंडवाना का गौरव अभिमान हूं।
गढ़ - मंडला की शासक हूं मैं,
गोंड राज्य का विस्तार हूं।
चंदेलों की बेटी हूं मैं,
गोंडवाना की महारानी हूं।।
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सुबह से बरसात हो रही है।
दिन है मगर लग रहा है रात हो गई है।
ये भींगी-भींगी सड़के, मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू
याद दिला रही है मुझे बचपन की......
वो कागज़ की कश्ती,जिसे बारिश के पानी में बहा कर मुस्कुराते थे।
वो बारिश में खेलना,घर जाकर मां की डाट खाना।
वो दिन याद करते ही, दिल खुशी से भर जाता है।
अब वक़्त बदल गया है,
पर फिर किसी बारिश में, बचपन की यादें मुझसे फिर जुड़ जाना है।।।-
आज फ़िर से वो घड़ी आयी है,
दुश्मनों ने अपनी औकात दिखाई है,
दिला देंगे याद छठी का दूध उसको,
हमने भी कसम भारत मां की खाई हैं।।।-
जहां से छल शुरू होता है
वहीं से महाभारत का आरम्भ होता है-
सारे सुकून एक तरफ,
Lockdown बढ़ने से exam delay होने का सुकून एक तरफ़.
♥️♥️♥️♥️♥️♥️-
जब पढ़ने में मन ना लगे
तो बस उस सितारे वाली
वर्दी को देख लेना और
याद करना पापा की बात
मेरी बेटी IAS बनेगी-
#morning_vibes
सुबह का मौसम,
जैसे जन्नत का एहसास!!
आंखों में नींद और
चाय की तलाश,
जागने की मजबूरी ,
थोड़ा और सोने की आस .........
♥️♥️♥️♥️♥️♥️-
#किस्से मुलाक़ात के♥️
कुछ शाम की गुज़ारिश थी,
कुछ हमारी भी ख्वाहिश थी!!
उस रोज वो मिलने को राज़ी हुए,
जिस रोज जाड़े की ठंड थी !!
मौसम के चलते चाय पर मुलाकात हुई,
उनके साथ बैठ कर, हाथों में चाय लेके,
कुछ बातें जाहिर की,
कुछ बातें अनकही ही रहीं!!
उनको देर हो रही थी फिर भी,
हाथ पकड़ कर तय की कुछ दूरी,
कुछ अधूरी कुछ पूरी !!
उस बीच लगा जैसे सब थम सा गया हो,
साथ बिताए कुछ पल में पूरी ज़िन्दगी जी ली है!!
तमन्ना थी उन्हें सीने से लगाने की, पर
डर था अजीब सा ना जाने क्यों ??
#छोटा सा किस्सा हमारी मुलक़ात का
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#sukoon
नज़ारा ये शाम का,
हाथों में प्याला चाय का,
इंतेज़ार तेरे आने का,
बस यही उपाय है,
हमारे सुकून का ।।-