ऑनलाइन हाजिरी v/s शिक्षक की मांग
ऑनलाइन हाजिरी हर शिक्षक को स्वीकार है
हम इंसान हैं बस हमें रोबोट बनने से इंकार है
कैलेंडर में दर्शायी छुट्टी करती हमें बदनाम है
लिखी कुछ मिलती कुछ, जो नहीं स्वीकर है
कई जयंती व कई त्योहार पड़ा रविवार है
कैलेंडर में उनको दर्शाना लगता बेकार है
विशेष जयंती चलता कोई न कोई अभियान है
सब पूरा करते हम फिर दिन चाहे रविवार है
ग़र खुले स्कूल जो उस दिन कोई अवकाश है
क्यों बदले में नहीं मिलता प्रतिकर अवकाश है
कई विद्यालय खेतों में या होता नदिया पार है
इन रास्तो से गुजरना नहीं होता आसान है
मीटिंग हो विद्यालय टाइम ये हमारी दरकार है
ऑनलाइन हाजिरी हर शिक्षक को स्वीकार है
पारिवारिक, वैयक्तिक कई आवश्यक काम है
मिले हाफ डे लीव व अर्न लीव हमारी मांग है
निशुल्क चिकित्सा शिक्षक का भी अधिकार है
कोई सुविधा नहीं राज्य कर्मचारी के समान है
पदोन्नति की कबसे ही रुकी पड़ी रफ्तार है
जबकि विभागीय प्रमोशन 3 वर्षीय प्रावधान है
पुरानी पेंशन की हर कर्मचारी लगाए आस है
बिन पुरानी पेंशन बुढ़ापा होता खस्ता हाल है
सारा ही कार्य लिंक व एप्प से होता तत्काल है
फिर हमारी जायज माँगों से क्यों करते इंकार है
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