प्रेम को समझना हो
तो
किसी बेजुबा से
प्रेम कर के देखना-
डायरी में रखे उन सूखे फूलों से जुड़ी यादें
हमेशा ताज़ा रह जाती है...-
आपका व्यवहार और वाणी निर्धारित करता है कि आपको कहां और कितना सम्मान मिलेगा. इसलिए दूसरों के आचरण का आंकलन करने से पहले स्वयं का आंकलन कीजिए.
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आपके शब्द आपके व्यक्तित्व का परिचय देते हैं,
इसलिए तोल मोल कर बोलिए...
सुप्रभात
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एक पछतावा आज भी बाकी है,
कुछ संदेह और थोड़ा सा असंतोष अभी भी कहीं जिंदा है।
आओ न एक बार और फिर से लड़ें,
बचे हुए आरोपों, अधूरे रह गए अपमान और घृणा को ढूंढें।
और शायद इस बार हमें असली वजह मिल जाए,
फिर से अलग होने की।
एक बार फिर से अजनबी बन जाएं एक दूजे के लिए,
ताकि कर सकें एक नई शुरुआत फिर से एक दूसरे को जानने की।-
शब्द हमारे विचारों के वस्त्र होते हैं,
अगर हमारे शब्दों ने शालीनता का जामा ना पहना हो तो सम्पूर्ण व्यक्तिव ही निर्वस्त्र हो जाता है।-
छत की मुंडेर पर चढ़
पतंग उड़ाती
और
गली में गिल्ली डंडा
खेलती लड़कियों
के हिस्से में
हमेशा ही आया है उपहास,
क्या तुम नहीं जानते
वो उड़ाना जानती है
जहाज
और
जोत लेती है
खेत भी ..-
हम किसी श्ख्स से बार बार तभी लड़ते हैं
जब तक उनसे स्नेह की उम्मीद रखते हैं,
जिस दिन लड़ना बंद हो जाए
समझ लेना सारी उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं
सुप्रभात-