11 APR 2018 AT 1:22

चलते चलते
कभी आओ भी
यहाँ
इस गली में
हम तो पत्थर जैसे अचल हैं
हमें संग अपने ले जाओ न
चलते चलते
ज़रा थम जाओ
यहीं
इस खिड़की के पास
हम तो रस्ता निहारते उम्र गुज़ार रहे
हमें इस पुरातन कैद से छुड़ाओ न

- Saanjh