चलते चलतेकभी आओ भीयहाँ इस गली मेंहम तो पत्थर जैसे अचल हैंहमें संग अपने ले जाओ नचलते चलतेज़रा थम जाओयहींइस खिड़की के पासहम तो रस्ता निहारते उम्र गुज़ार रहेहमें इस पुरातन कैद से छुड़ाओ न - Saanjh
चलते चलतेकभी आओ भीयहाँ इस गली मेंहम तो पत्थर जैसे अचल हैंहमें संग अपने ले जाओ नचलते चलतेज़रा थम जाओयहींइस खिड़की के पासहम तो रस्ता निहारते उम्र गुज़ार रहेहमें इस पुरातन कैद से छुड़ाओ न
- Saanjh