फिर से महक उठी है मिट्टी मेरे आंगन की
कहो बरसात हुई है या तुम आ रहे हो?-
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सिगार की तरह होठों से लगा ले मुझे
जल कर ही सही
तुझमें मिलना चाहती हूं मैं-
अगर उसको मुझसे शिकायत होगी
मुझे उसकी शिकायत से भी मोहब्बत होगी
तुम बात करते हो गुलों की खुशबू और चांद की खूबसूरती की
उसकी जुल्फें गर खुलीं तो कयामत होगी-
वो जो चाहता था
मुस्कुराने की वजह बनना,
जाते हुए मुस्कुराहटें मेरी
समेट ले गया-
तू साथ नहीं, तेरी यादें हैं
यादों से गुजारा कर लेंगे
तू ख़्वाब सही, तेरा ख्वाबों में
दीदार दोबारा कर लेंगे
दिल तोड़ेगा फिर, तो इजाजत है
एतबार दोबारा कर लेंगे
तेरे दर्द से, दिल गर हार गया
हम प्यार दोबारा कर लेंगे
तू साथ नहीं, तेरी यादें हैं
यादों से गुजारा कर लेंगे
घर-घर न रहा, है यादगाह
तस्वीर सहारा कर लेंगे
हर ईद पे तुझको देखेंगे
तुझे चांद गवारा कर लेंगे
सब हार के जब तुम लौटोगे
एहतराम तुम्हारा कर लेंगे
ताबीज बनाकर पहनेंगे
तुम्हे फिर से हमारा कर लेंगे
तू साथ नहीं तेरी यादें हैं
यादों से गुजारा कर लेंगे
-
करीब होते हो लबों के
हर सुबह के ख्वाब में
मगर ये जिंदगी की दौड़
दो पल सोने नहीं देती-