उनसे दिल लगाने में,
उनका दिल चुराने में,
उनकी नींद उड़ाने में,
और,
जल्दबाज़ी की हमने
खुद को सताने में...-
मीलों का सफर बाकी है,
कुछ यादें जुबानी हैं,
कुछ अपनों की मेहरबानी है
और अभी ...
कई नई भी तो बनानी है-
कोई हक़ीक़त तो
कोई सपना सोचता हैं;
कोई कितना भी अपना हो,
पहले अपना सोचता है-
काश,
वो मुलाकात अधूरी रहती
वो बात अधूरी रहती
वो जज़्बात अधूरी रहती
तो फिर,
मेरी भी हर रात पूरी रहती
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संभाल रखा है मैंने
तुम्हारे और मेरे कल को,
साथ बिताए हर एक पल को,
एक दूजे से किए वादों को,
हमारी हर एक यादों को
तुम्हारे प्रेम की हर एक वजह को,
मेरे मन के कोने में एक जगह को
तुम्हारी हर एक रजा को,
प्रेम में मिली सजा को ...
और हां, संभाल रखा है मैंने
तुम्हारे पास होने के एहसास को
मिलने की एक आस को-
अक्सर जो सब की परेशानियों में साथ खड़े होते हैं,
अपनी परेशानियों में वो अकेले पड़े होते हैं...-
जिसे करने को जी चाहता है।
कभी सारा जीवन साथ जीने को,
तो कभी बाहों में मरने जी चाहता है-
लौट रही हूं,
मन में यादों के समन्दर को समेटते हुए
लौट रही हूं,
दिल में उठे ख्यालों के बवंडर को लपेटते हुए
लौट रही हूं,
यादों के किस्से को बुनते हुए
लौट रही हूं,
नए वादों के राह को चुनते हुए
लौट रही हूं,
एक बार फिर से मिलने की आस में
लौट रही हूं,
वापस अधूरी ख्वाहिशों के प्यास में
अब लौट रही हूं।-
तुम्हारी एक झलक ना मिले तो,
दिन नहीं संवरता है।
तुम्हारी एक मुस्कान भर से,
मेरा पूरा दिन मुस्काता है।
बातें ना हो तो,
बेचैनी सी होती।
और जो हमारी बात हो जाए,
दिल बस खुशी से गुनगुनाता है।
मेरा ये बुरा हाल,
साफ साफ नज़र आता है
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