हिंदी दफ्न कर अंग्रेजी से हाथ मिलाया...
हर रोज शिव को insta story बनाया...
नमस्ते, प्रणाम old fashion कहलाया....
सबसे गले लगकर कोरोना फैलाया...
सिंधु से शुरू हुए इतिहास ने .....
हमारा यह आज बनाया ....
हमारी संस्कृति में मानव सबसे श्रेष्ठ कहलाया...
गंगा मैली हो गई, सरस्वती धरा में विलीन...
फिर भी रामराज्य कह अयोध्या में मंदिर बनवाया...
मंदिरों का घंटा शोर कहलाया....
अजान के नाम पर दंगा भड़काया....
कुछ कमी बची थी जो आधुनिकता के नाम पर...
कर दिया सदियों पुरानी संस्कृति का सफाया!!
_swati's diary
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x fighter ! writer ! Reader !
झील सी आंखो मे डूब...
जाने का मन करता है ...
कैसे कहे नादान दिल ...
बेइंतहा मोहब्बत उनसे करता है ...
_swati's diary-
रुपयों के हिसाब से ,
सबकी औकात गिनवा रहे है !
कुछ लोग है जो ,,
मुझे अपना बता रहे है !!
_ swati's diary-
संस्कृति आगे बढाने का बोझ ...
स्त्रियों पर डाल रखा है ...
पुरुषवादी सोच ने स्त्रियों को ...
चारदिवारों में बांध रखा है ...
_swati's diary-
हर दफे उनकी फरमाईश आती है ...
traditional wear मे आना ...
मेरी भी ख्वाहिश है ...
उन्हे traditional पहनाना ...
पर वो सुनकर अनसुना करते ...
ज्यादा कहने पर मुझे पागल कहते है ...
जब मैं उनकी फरमाईश पूरी करती हूँ ...
तो वो क्यों एक ख्वाहिश पूरी नहीं कर सकते ...
क्या मैं सिर्फ भारतीय हूँ ...
और वो britain वालों की वंशज ...
ऐसा भेदभाव कब तक चलेगा ...
लडकियों को भारतीयता का ताना ...
और खुद परंपरा का मजाक बनाना ...
संस्कृति आगे बढाने का बोझ ...
स्त्रियों पर डाल रखा है ...
पुरुषवादी सोच ने स्त्रियों को ...
चारदिवारों में बांध रखा है ...
_swati's diary-
शादी के उमर में ,,
शादी बोझ लगती है !
पढ़ने लिखने की उमर मे ,,
साथी की खोज रहती है !!
_swati's diary-
आज फिर खुद की तारीफ पर ,
लिखने का ख्याल आया है !
पता नही कैसे लबों पर ,,
ये बेतुका सवाल आया है !!
ना तो मैं खूबसूरती की मिसाल हूँ ,,
न ही किसी के दिल का अरमान हूँ !
इक छोटी सी दुनिया है मेरी ,,
उसके अलावा पूरी दुनिया से अंजान हू मैं !!
_swati's diary-
मेरी कविताओं से ,,
मेरे जीवन पर कयास लगाए जा रहे है !
कल मेरा break up , आज patch up ,,
तो परसो शादी .....
कुछ ऐसे सवाल सजाए जा रहे है !!
_swati's diary-
साधारण स्त्री को समझना ,,
मुश्किल है !
पर स्त्री कवियत्री को समझना ,,
नामुमकिन है !!
_swati's diary-
सात वचनों के अनुसार ,,
हम दोनो बराबर है , समझाया गया है ..
वक्त गुजरने पर तुम भूल तो नही जाओगे ...
मेरे सम्मान की रक्षा करने का वचन दिया है ..
कुछ वक्त बाद उस पर तुम ही ग्रहण तो नही लगाओगे
आधा-आधा मिलकर हाथ बटाएंगे ...
इस वचन को भूल ,,
सारी जिम्मेदारियां मेरे हिस्से तो नही छोड जाओगे ..
मेरे खर्चे उठाने का एहसान तो नही जताओगे ...
बात-बात पर रिश्ते में ,,
पुरूषत्व श्रेष्ठ की बाते तो नही लाओगे ..
जो भी है हमारा आधा-आधा है ,,
कहकर भूल तो नही जाओगे ...
मेरे बाहर काम करने पर नाक तो नही चढाओगे ...
लडकी हो तुम ऐसा ताना तो नही सुनाओगे ...
सवाल तो बहुत है , क्या जवाब दे पाओगे ...
रिश्ता जोड़कर क्या सम्मान के साथ निभा पाओगे ..
ये बातें वक्त पर छोड़ते है ,,
क्योंकि जवाब भी उसी के पास है ...
फिलहाल मैं और तुम दोनों ही ,,
हम बनकर जीने के अनुभवों से अन्जान है !!
_swati's diary-