कुछ पल में जाएगी थम
सावन में बारिश का साया
बनाकर सजीव और नम-
Swastik Tripathy
(स्वस्तिक त्रिपाठी)
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एक ऐसा लेखक जो :-
- मानव भावनाओं को समझकर उनमें सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता है ... read more
- मानव भावनाओं को समझकर उनमें सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता है ... read more
Joined 5 February 2025
10 JUL AT 23:25
आज की रात
समझा है मैने
एक ऐसी बात
बताना संभव
नहीं है लेकिन
ऐसा अनुभव
न होता प्रतिदिन
-
10 JUL AT 23:04
सुनेहरा भी
ढलते हुए सूरज संग
शाम का रंग
अंधेरा भी
जब लौटने लगें विहंग-
10 JUL AT 14:48
That the air is the vehicle
Of soft feathers and essence
Of dandelions and pollen grains
Moving away in swift pretence-
10 JUL AT 13:52
सच्चाई नहीं होती
बस होता है अंधा जूनून
अपनों की दुनिया में
लड़ाई नहीं होती
बस होता है सिर्फ़ सुकून-
9 JUL AT 18:54
की सभी हैं एक ही
धरती के संतान
सबको गनीमत है
बेपरवाह लूट की
जो करता रहे इंसान-
9 JUL AT 18:51
There blooms a lonely lotus
Of curious desire for the rhymes
That pave our life's locus-
8 JUL AT 15:40
इन रंगीन तस्वीरों में
शब्द जो अंकित हो गई
कागज़ के सफ़ेद पन्नों में
काल रुक सी गई
पीड़ाओं के समंदर में
और जीवन सीखा गई
वर्षों की लम्बी यात्रा में-