#मधुमालती_छंद
है रात भी दिन भी गरल, जीना नहीं लगता सरल |
पीता इसे वो धन्य है, उद्देश्य उसका अन्य है ||
मैं हूँ विरह में जल चुका, ये काल चरणों में झुका |
देखो नयन की धार को, समझो प्रिये इस प्यार को ||
© स्वाभिमान सिंह-
❤करुण व वियोग का प्रियतम ❤
स्वतन्त्र विचार एवं रचनाएँ🤔🤔
मुमकिन नहीं कि हर जगह अँधेरा हो,
एक रात सुहानी हो एक सुखद सवेरा हो |
© स्वाभिमान सिंह-
"संत प्रवर गोस्वामी तुलसीदास जयंती"
पावन मानस पाठ है, तुलसी रचनाकार |
पढ़ि-पढ़ि पाठक धन्य हैं, हो जायें भव पार ||
© स्वाभिमान सिंह-
'बाबू' तेरे साथ में, करता था सब काज |
बचपन सी तुम भी गयीं, हुआ अकेला आज ||
हुआ अकेला आज, तुम्हारी याद सताती |
उड़ी नींद अरु चैन, आँख भी अश्रु बहाती ||
कहो प्रिये अब आप, रखूँ कैसे मन काबू |
स्नेह करो बरसात, भींग जाये ये 'बाबू' ||
© स्वाभिमान सिंह-
कवि दर्द कहता रहा✍️
श्रोता वाह ! वाह ! करते रहे 👌
© Swabhiman Singh-
©Swabhiman Singh
उम्र के साथ कम सुनना भी बेहतर है बाबू
कलहों की आवाज़ें बुढ़ापा छीन सकती हैं |
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पानी एकदिन क्या गिरा, ऊपर हुए लिहाफ |
जेठ दुपहरी में खड़े, रोम रहे थे कांप ||
रोम रहे थे कांप , सिसकियां मन भरता है |
पीकर दो कप चाय, सिलसिला फिर चलता है ||
कहते स्वाभीमान , मरी वृद्धों की नानी |
करें शीत का शोर , मांगते थे जो पानी ||
©_स्वाभिमान_सिंह (23/05/22)-
बलशाली हनुमान का, जन्मदिवस है आज |
रामलङैते कीजिये, सब विधि मंगल साज ||
सब विधि मंगल साज, शम्भु के तुम अवतारा |
रजनीचर भयभीत, आपने जब ललकारा ||
कहते स्वाभीमान , निगल गए अंशूमाली |
बने भानु के शिष्य, पवनसुत हैं बलशाली ||
©_Swabhiman_Singh-