तुम हमे उन दिनों क्यों ना मिले
जब हमें सोक था सबरनेका
और अपनी जवानियों के दिनों में ऐ दोस्त
हमने पाल रखा है सोक मरने का-
आज फिर यादों से रूबरू होने गया था
आज फिर बिना उसके उसीसे मिलने गया था
लोगों ने बहुत समझाया कुछ नहीं है वहां तू क्यों जाता है
मैने कहा आंख से आंसू निकाले गम को गले लगाने गया था-
कभी खुदको खुदसे हम कलाम करके देखना
कितना मुस्किल है ये काम करके देखना
और इस कदर उदास कटती हैं मेरी रातें
किसी रात किसीको याद करके देखना-
बेसबब यूंही सरे आम निकल आते हैं
बुलाए तो उन्हे काम निकल आते हैं
तेरे गलियों में आने जाने से
दुश्मनी हो गई ज़माने से
आज होके दीदार दे रहा है सदा
मिलने आजा किसी बहाने से-
हमारी कहानी हमीको पता है
बर्बाद जवानी हमीको पता है
सबको पता है हम जिंदा है मगर
कैसे है जिंदा हमीको पता है
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लापरवाही है हम सब पर तारी दोस्त
मार ना डाले हमको ये बीमारी दोस्त
इस डर से अब जीना छोड़ चुके है लोग
कब आजाए जाने किसकी बारी दोस्त
और लकड़ी से लेकर समसान तक तैयार है सब
करना है अब मरने की तैयारी दोस्त-
इन दीवानों को देखता हूं तो मुझे हंसी आती है
हम भी ऐसे ही थे जब आए थे विराने में
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बड़े बदनसीब ठहरे जो करार तक ना पहुंचे
यार...
दर-ऐ-यार तक तो पहुंचे दिल-ऐ-यार तक ना पहुंचे
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के उनवान-ऐ-ज़िंदेगी पर बस इतनासा लिख पाया हूं
YaaR...
बहुत मजबूत रिश्ते है बहुत कमजोर लोगों से-
तन्हा कुछ वक्त गुजारना होगा
दुनिया को जेहन से उतारना होगा
मेरी खामोशी को समझने का बस एक ही तरीका है
आपको भी मोहब्बत में आना होगा-