तुम मेरे इश्क की किताब का वो पन्ना हो
जिसके जुड़ने के बाद किताब पूरी होती है
काव्यबंध— % &-
बड़ी शिद्दत का इश्क हैं मेरा
मुद्दतो तक रहेगा ये वादा है मेरा !!
काव्यबंध-
इश्क में "मोहब्बत" के सिर्फ कुछ पन्ने होते है
किताबे तो बेवफाई पे लिखी जाती है !!
काव्यबंध
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मोहब्बत के उसूलों को समझा नहीं था उसने
हर पल रूठना अच्छा नही होता।।
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पहली नजर का,पहला इश्क हो तुम
मोहब्बत के सफर में मंजिल हो तुम
और मंजिल को पाना ही मेरे इश्क की इबादत है
क्योंकि इबादत से मिलने वाला सुकून हो तुम ।
काव्यबंध
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कब की हो गई होती मोहब्बत अगर,हुस्न से होती
रुह की तलाश थी और मुलाकात आपसे हो गई
काव्यबंध
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उसकी पसंद को हम अपना बना चुके है
अपने गमों को अपनी मुस्कान बना चुके है
उसे पसंद है सिर्फ मुस्कुराते हुए चेहरे,
इसलिए मुस्कुराहट को अपनी पहचान बना चुके है
काव्यबंध
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अपने गमों को अपनी मुस्कान से छुपा लेता हूं मैं
जबसे पता चला है कि उसे मुस्कुराते हुए चेहरे ज्यादा पसंद है
काव्यबंध-